क्या तमिलनाडु के कोल्लिडम नदी के किनारे बसे गांवों में मगरमच्छ घुस आए हैं?
सारांश
Key Takeaways
- कोल्लिडम नदी के किनारे मगरमच्छों की उपस्थिति।
- वन विभाग द्वारा चेतावनी जारी की गई है।
- स्थानीय लोगों को सुरक्षा उपायों के बारे में जानकारी दी जा रही है।
- बच्चों और रात में बाहर जाने वालों के लिए विशेष ध्यान।
- जलवायु परिवर्तन के कारण जंगली जानवरों का व्यवहार प्रभावित हो रहा है।
चेन्नई, 26 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। तमिलनाडु के वन विभाग ने पुराने कोल्लिडम नदी के किनारे बसे गांवों के निवासियों को सतर्क रहने की अपील की है। दरअसल, मुख्य कोल्लिडम नदी से भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने के बाद वहां मगरमच्छों की उपस्थिति देखी गई है, जिससे विभाग ने कुछ गांवों में जागरूकता अभियान शुरू किया है ताकि लोग सुरक्षित रह सकें और किसी भी खतरे का सामना न करना पड़े।
वन विभाग की टीम, जिसमें वन रेंज अधिकारी वसंत भास्कर, फॉरेस्टर पन्नीरसेल्वम और फॉरेस्ट गार्ड अंबुमणि शामिल थे, ने वेलक्कुड़ी, अगरानल्लुर और पझैयान्नल्लूर जैसे गांवों का दौरा किया। टीम का उद्देश्य ग्रामीणों को मगरमच्छों के खतरे के बारे में सावधान करना और सुरक्षा के उपाय बताने वाले पर्चे वितरित करना था।
अधिकारियों ने हर घर जाकर लोगों को यह जानकारी दी कि वे नहरों, तालाबों या पानी भरे कम ऊंचाई वाले क्षेत्रों में न जाएं। यह चेतावनी उन स्थानों के लिए है, जहां हाल ही में मगरमच्छों के घूमने की खबरें मिली हैं। वन विभाग ने खासकर बच्चों और रात में बाहर निकलने वालों के लिए यह जानकारी साझा की।
वन रेंज अधिकारी वसंत भास्कर ने कहा कि हमने लोगों को खुले जलाशयों में प्रवेश न करने और रात में अधिक सतर्क रहने की सलाह दी है, क्योंकि मगरमच्छ अक्सर अंधेरे में सक्रिय होते हैं।
पानी के स्तर में बढ़ोतरी के कारण कई मगरमच्छ पास की नहरों और पानी में डूबे खेतों में चले गए हैं। लोगों ने नदी के किनारे और सिंचाई नहरों के पास उनकी गतिविधियों को देखा है।
कोल्लिडम नदी लगातार मानसूनी बारिश और भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने के कारण उफान के करीब है। वन अधिकारी मानते हैं कि अचानक पानी की मात्रा बढ़ने के कारण मगरमच्छ अपने सामान्य आवासों से दूर होकर क्षेत्रों के पास आने लगे हैं।
सिर्फ मगरमच्छ ही नहीं, लगातार भारी बारिश के कारण कडलोर जिले के कई हिस्से, जैसे चिदंबरम शहर, पानी में डूब गए हैं। अधिकारियों ने बताया कि कम ऊंचाई वाले क्षेत्रों में रहने वाले लोग और स्कूल के मैदान पानी में डूब गए हैं, जिससे लोगों की परेशानियां और बढ़ गई हैं।
अधिकारियों ने आम जनता से अपील की है कि वे सतर्क रहें, पानी में डूबे क्षेत्रों में न जाएं और किसी भी जंगली जानवर को देखें तो तुरंत वन विभाग या स्थानीय रेस्क्यू टीम को सूचित करें।