क्या तमिलनाडु में नाराज दूध उत्पादकों ने आविन के खिलाफ सड़क पर दूध बहा दिया?

सारांश
Key Takeaways
- दूध उत्पादकों का विरोध प्रदर्शन
- आविन का दूध अस्वीकार करना
- सरकारी समितियों की भूमिका
- दूध की गुणवत्ता जांच
- आर्थिक संकट की चेतावनी
नागपट्टिनम, 7 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। तमिलनाडु के नागपट्टिनम जिले के मारुथुर गांव के दूध उत्पादकों ने रविवार को राज्य संचालित डेयरी कंपनी 'आविन' के खिलाफ जोरदार विरोध प्रदर्शन किया।
यह प्रदर्शन तब शुरू हुआ, जब आविन ने गांव की दुग्ध उत्पादक सहकारी समिति से खरीदे गए 100 लीटर दूध को यह कहकर अस्वीकार कर दिया कि उसमें वसा की मात्रा (फैट कंटेंट) कम है। नाराज उत्पादकों ने अस्वीकृत दूध को सड़क पर बहाकर अपना विरोध प्रदर्शन किया।
नागपट्टिनम जिले के वेदारण्यम क्षेत्र में सरकार ने दूध उत्पादकों से सीधे दूध खरीदने के लिए 14 दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियों की स्थापना की है। इन्हीं समितियों के माध्यम से सरकार द्वारा उपलब्ध कराए गए परीक्षण उपकरणों का उपयोग करके दूध की गुणवत्ता जांची जाती और उसके बाद दूध खरीदा जाता है।
दूध उत्पादकों ने तमिलनाडु सरकार और आविन प्रबंधन से उनके हितों की रक्षा के लिए जल्द से जल्द उचित कदम उठाने की मांग की है। प्रदर्शन कर रहे लोगों ने कहा कि समिति के दूध खरीदने से इनकार करने से उनकी आजीविका पर संकट आ रहा है।
उन्होंने सवाल उठाया कि जब सरकारी समितियां ही उनका दूध नहीं खरीदेंगी तो वे दूध लेकर कहां बेचने जाएंगे और अगर उनका दूध नहीं बिकेगा तो परिवार का भरण-पोषण कैसे करेंगे। दुग्ध उत्पादकों ने आविन के इस दावे को सिरे से खारिज कर दिया कि दूध में वसा की मात्रा कम थी।
उन्होंने कहा, "कम वसा सामग्री का हवाला देकर हमारा दूध वापस किया जाना सही नहीं है।" उत्पादकों ने सरकार और आविन से उनकी चिंताओं को गंभीरता से लेने और यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया है कि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि इस समस्या का शीघ्र समाधान नहीं किया गया तो उन्हें और भी बड़े आर्थिक संकट का सामना करना पड़ेगा।