क्या अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ हो रहे अत्याचारों पर आवाज उठनी चाहिए?: तारिक अनवर
सारांश
Key Takeaways
- अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ अत्याचारों की निंदा जरूरी है।
- भारत को सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।
- रेलवे किराए में बढ़ोतरी के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए।
- संविधान सभी को समान अधिकार देता है।
- भाजपा के एजेंडे के खिलाफ जागरूकता आवश्यक है।
नई दिल्ली, 26 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस के सांसद तारिक अनवर ने बांग्लादेश की वर्तमान स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ हो रहे अत्याचारों पर सख्त आवाज उठाई जानी चाहिए। भारत को इसके खिलाफ लगातार दबाव बनाना चाहिए।
नई दिल्ली में राष्ट्र प्रेस से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि इस पर कड़ी निंदा होनी आवश्यक है। जब भी किसी देश में किसी भी अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ अन्याय होता है, भारत को इसके खिलाफ जगना चाहिए।
रेलवे किराए में बढ़ोतरी पर उन्होंने कहा कि जब से पीएम मोदी सत्ता में आए हैं, हर चीज की कीमतें बढ़ रही हैं। यह सही नहीं है कि रेलवे किराया पहली बार बढ़ा है। जब हमारी सरकार थी, हम मानते थे कि कम से कम यात्रियों का किराया नहीं बढ़ना चाहिए, ताकि लोगों पर कोई अतिरिक्त बोझ न पड़े। वर्तमान सरकार उल्टी सोच रखती है। एक हाथ से कुछ देती है और दूसरे हाथ से वापस ले लेती है।
क्रिसमस के दौरान विभिन्न स्थानों पर हुई तोड़फोड़ पर उन्होंने कहा कि यह दुखद और शर्मनाक है। ये असामाजिक तत्व हैं। चाहे किसी भी संगठन के हों, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। ये लोग देश को बांटने पर तुले हुए हैं और नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए। अगर यह सिलसिला जारी रहा, तो भारत की छवि धूमिल होगी।
बीएमसी चुनाव में महापौर के संबंध में वारिस पठान के बयान पर उन्होंने कहा कि संविधान किसी पर रोक नहीं लगाता है। कोई भी कुछ भी बन सकता है। यही संविधान की खूबसूरती है कि यह सभी धर्मों, जातियों और समुदायों को समान अधिकार देता है।
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बयान पर उन्होंने कहा कि स्टालिन ने बिल्कुल सही कहा है कि खासकर 2014 के बाद देश में नफरत भरी बातें और भेदभाव बढ़ा है, ताकि एक समुदाय को दूसरे के खिलाफ खड़ा किया जा सके। यह सब भाजपा के एजेंडे का हिस्सा है।