क्या हत्यारों और नक्सलियों का महिमामंडन घिनौना अपराध है?
सारांश
Key Takeaways
- हत्यारों और नक्सलियों का महिमामंडन एक गंभीर अपराध है।
- नक्सलियों के लिए केवल दो विकल्प हैं: हथियार छोड़ना या सुरक्षाबलों का सामना करना।
- अखिलेश यादव की टिप्पणियां राजनीतिक हताशा को दर्शाती हैं।
नई दिल्ली, २४ नवंबर (राष्ट्र प्रेस) - भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ ने दिल्ली के 'इंडिया गेट' के निकट आयोजित विरोध प्रदर्शन के दौरान कहा कि आंदोलनसंवैधानिक और लोकतांत्रिक अधिकार है, किंतु निर्दोषों की हत्या करने वाले हत्यारों और नक्सलियों का महिमामंडन करना एक घिनौना अपराध है।
भाजपा नेता तरुण चुघ ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा, "अर्बन नक्सल और वामपंथी, भारत विरोधी विदेशी टूलकिट के माध्यम से देश में नफरत फैलाने की साजिश कर रहे हैं।" उन्होंने चेतावनी दी कि नक्सली, माओवादी और आतंकवादी कहीं भी छिप जाएं, उनकी हिंसक विचारधारा का सफाया सुनिश्चित है।
उन्होंने कहा, "नक्सलियों के पास केवल दो विकल्प हैं। वे हथियार छोड़कर मुख्य विचारधारा में लौटें या सुरक्षाबलों की गोलियों का सामना करने के लिए तैयार रहें। किसी भी हत्यारे, नक्सली और आतंकवादी को बख्शा नहीं जाएगा।"
टीएमसी विधायक हुमायूं कबीर के 'बाबरी मस्जिद' के ऐलान पर भाजपा नेता ने कहा, "देश की जनता ऐसी संरचनाओं को कभी सहन नहीं करेगी। विदेशी हमलावर, हत्यारे और भारत की संस्कृति का नाश करने का सपना देखने वाले बाबर के नाम पर मस्जिद बनाने का विचार भारत के करोड़ों नागरिकों के जख्मों पर नमक छिड़कने जैसा है।"
उन्होंने कहा कि यह विचार जिहादी मानसिकता से ग्रस्त है। टीएमसी के नेता तुष्टिकरण की राजनीति और वोटबैंक को खुश करने के लिए ऐसे बयान दे रहे हैं।
प्रधानमंत्री मोदी पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव की टिप्पणी को लेकर भी तरुण चुघ ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री मोदी के विजन पर बात करने के बजाय और 'विकसित भारत' के संकल्प पर चलने की बजाय अखिलेश यादव अपनी हताशा, निराशा और कुंठित मानसिकता के कारण व्यक्तिगत टिप्पणी कर रहे हैं।"
तरुण चुघ ने कहा, "प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले ११ साल में भारत की उपस्थिति विश्व मंच पर मजबूती से रखी है। भारत को एक शक्ति के रूप में उभारा है। भारत आज चौथी सबसे बड़ी आर्थिक महाशक्ति बन गया है। यह दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली आर्थिक शक्ति बन चुका है। आज भारत हथियार खरीदने वाला नहीं, बल्कि बेचने वाला देश है।"
उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव जैसे नेता पीएम मोदी के लिए गलत शब्द बोल रहे हैं, किंतु सभी का हाल वही होगा, जैसा बिहार की जनता ने राहुल गांधी और तेजस्वी यादव का किया है।