क्या तरुण चुघ ने विपक्ष पर फर्जी मतदाताओं के संरक्षण का आरोप लगाया? बोले- लोकतांत्रिक व्यवस्था में घुसपैठिए ‘जहर’ हैं

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क्या तरुण चुघ ने विपक्ष पर फर्जी मतदाताओं के संरक्षण का आरोप लगाया? बोले- लोकतांत्रिक व्यवस्था में घुसपैठिए ‘जहर’ हैं

सारांश

क्या तरुण चुघ ने विपक्ष पर फर्जी मतदाताओं के संरक्षण का आरोप लगाया? जानिए उनके विचार और लोकतंत्र पर घुसपैठियों के संभावित प्रभाव के बारे में।

Key Takeaways

  • भाजपा के तरुण चुघ ने घुसपैठियों को लोकतंत्र के लिए जहर कहा।
  • मतदाता अधिकारों का हनन गंभीर मुद्दा है।
  • एसआईआर प्रक्रिया जरूरी है फर्जी मतदाताओं की पहचान के लिए।
  • जकात का दुरुपयोग नहीं होना चाहिए।
  • राजनीति में नैतिकता की आवश्यकता है।

नई दिल्ली, 27 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ ने सोमवार को घुसपैठियों को लोकतंत्र के लिए ‘जहर’ करार दिया। उन्होंने यह सवाल उठाया कि एक लोकतांत्रिक व्यवस्था में किसी विदेशी को सरकार चुनने का अधिकार कैसे दिया जा सकता है?

उन्होंने कहा कि यह लोकतांत्रिक दृष्टि से बिल्कुल अनुचित है, जिसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता।

समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में तरुण चुघ ने कहा कि यदि घुसपैठियों को मतदान का अधिकार दिया गया, तो यह भारत के मतदाताओं के मौलिक अधिकारों का हनन साबित होगा। यदि ऐसा हुआ, तो विदेशी शक्तियाँ भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था को प्रभावित करने की कोशिश करेंगी, जो बिल्कुल गलत है।

उन्होंने कहा कि इन परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए ‘एसआईआर’ की प्रक्रिया आवश्यक है, जिसके तहत फर्जी मतदाताओं को पहचानना होगा।

हम यह नहीं कह सकते कि भारत में मतदान का अधिकार केवल यहाँ के नागरिकों को ही दिया जाना चाहिए। मैं बार-बार इस बात पर जोर देता हूँ कि एक लोकतांत्रिक व्यवस्था में किसी दूसरे देश के नागरिक को भारत में मतदान का अधिकार क्यों दिया जाए?

भाजपा नेता ने कहा, 'मैं यह कहूँगा कि एक लोकतांत्रिक व्यवस्था में यह बहुत दुखद है कि हमारे देश में फर्जी मतदाताओं के संरक्षण के लिए कुछ ‘युवराज’ यात्राएँ निकाल रहे हैं। फर्जी मतदाताओं को बचाने के लिए कार्यक्रम कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि एक लोकतांत्रिक व्यवस्था में इस प्रकार की स्थिति पूरी तरह से असंवैधानिक है। घुसपैठियों को मतदाताओं के रूप में तब्दील करना देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए खतरा है। ऐसी स्थिति में यह आवश्यक हो जाता है कि एसआईआर के तहत ऐसे मतदाताओं को पहचाना जाए ताकि हमारे देश में रहने वाले नागरिकों के मौलिक अधिकारों का हनन न हो।

इसके अलावा, भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ ने तेजस्वी यादव पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि हमारे देश में तेजस्वी यादव जैसे नेताओं को यह समझना चाहिए कि कानून सभी के लिए बराबर है। लेकिन, यह अफसोस की बात है कि ये लोग वक्फ बोर्ड की आड़ में भू-माफिया को लुटाने जा रहे हैं, जिसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता।

तरुण चुघ ने कहा कि हमें यह समझना चाहिए कि ‘जकात’ का पैसा पिछड़े, पसमांदा मुस्लिम, विधवा और बच्चों के लिए होता है। इन पैसों का दुरुपयोग किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता, लेकिन यह दुःखद है कि तेजस्वी यादव इसे राजनीति का साधन बना रहे हैं।

इंडिया गठबंधन का असली एजेंडा गरीब मुस्लिमों से उनका हक छीनना है, जबकि 'जकात' का पैसा मुस्लिम समुदाय के गरीब वर्गों पर खर्च करना है। हमारी सरकार यह सुनिश्चित करती है कि ‘जकात’ के पैसे का दुरुपयोग किसी भी कीमत पर न हो।

Point of View

हमें यह समझना होगा कि लोकतंत्र की सुरक्षा के लिए नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करना आवश्यक है। तरुण चुघ के आरोप गंभीर हैं और इन पर चिंतन आवश्यक है।
NationPress
27/10/2025

Frequently Asked Questions

तरुण चुघ ने घुसपैठियों को क्यों 'जहर' कहा?
तरुण चुघ ने कहा कि घुसपैठियों को लोकतंत्र में स्थान देना भारतीय मतदाताओं के मौलिक अधिकारों का हनन होगा।
क्या एसआईआर प्रक्रिया जरूरी है?
हाँ, एसआईआर प्रक्रिया के तहत फर्जी मतदाताओं की पहचान आवश्यक है ताकि लोकतंत्र की सुरक्षा हो सके।
क्या जकात का पैसा सही तरीके से उपयोग हो रहा है?
तरुण चुघ ने कहा कि जकात का पैसा गरीब मुस्लिमों के लिए है और इसका दुरुपयोग करना गलत है।