क्या तेजस पायलट का पार्थिव शरीर कोयंबटूर लाया गया? एयरफोर्स कर्मियों ने कैसे दी श्रद्धांजलि?

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क्या तेजस पायलट का पार्थिव शरीर कोयंबटूर लाया गया? एयरफोर्स कर्मियों ने कैसे दी श्रद्धांजलि?

सारांश

दुबई इंटरनेशनल एयर शो में तेजस फाइटर जेट दुर्घटना में शहीद हुए विंग कमांडर नमन स्याल का पार्थिव शरीर कोयंबटूर लाया गया। यहां एयरफोर्स कर्मियों ने उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी। जानिए कैसे समर्पण और पेशेवरता का प्रतीक बने स्याल का जीवन।

Key Takeaways

  • विंग कमांडर नमन स्याल का बलिदान भारतीय वायु सेना की वीरता का प्रतीक है।
  • दुर्घटना की विस्तृत जांच का आदेश दिया गया है।
  • वे अपने परिवार के प्रति समर्पित पिता और पति थे।
  • तेजस फाइटर जेट की क्षमताओं को प्रदर्शित करने का महत्व।
  • समर्पण और पेशेवरता का जीवन जीने की प्रेरणा।

चेन्नई, 23 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। दुबई इंटरनेशनल एयर शो के दौरान तेजस फाइटर जेट के क्रैश में शहीद हुए भारतीय वायु सेना के पायलट विंग कमांडर नमन स्याल का पार्थिव शरीर रविवार को कोयंबटूर के सुलूर एयर फोर्स स्टेशन लाया गया, जहां उनके साथियों और अधिकारियों ने उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।

कोयंबटूर डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर पवन कुमार और सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस कार्तिकेयन ने जिला प्रशासन की ओर से उन्हें श्रद्धांजलि दी, जबकि IAF ने उन्हें पूरे मिलिट्री ऑनर के साथ सम्मानित किया।

विंग कमांडर स्याल (37) हिमाचल प्रदेश के निवासी थे और उन्होंने सुलूर बेस पर एक वरिष्ठ अधिकारी के रूप में कार्य किया। उन्होंने प्रसिद्ध एविएशन प्रदर्शनी में भारत के एरोबैटिक डिस्प्ले के लिए तेजस एमके-1 लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट उड़ाया था, जिसमें दुनियाभर की बड़ी एयरोस्पेस कंपनियों और डेलीगेशन ने भाग लिया।

दस से अधिक वर्षों तक एयर फोर्स में कार्यरत रहे स्याल को एक अनुशासित अधिकारी माना जाता था। वे अपनी पत्नी, जो स्वयं एक एयर फोर्स ऑफिसर थीं, और अपनी सात वर्षीय बेटी के साथ सुलूर एयर फोर्स क्वार्टर में निवास करते थे।

इस दुर्घटना की खबर से उनका पूरा परिवार टूट गया; सहकर्मियों ने उन्हें एक समर्पित पेशेवर और प्रेमिल पिता के रूप में स्मरण किया। वे अपने करियर में प्रगति के लिए एविएशन और डिफेंस सिस्टम से संबंधित उन्नत अध्ययन भी कर रहे थे।

सुलूर में श्रद्धांजलि अर्पित किए जाने के बाद, उनके पार्थिव शरीर को अंतिम संस्कार के लिए हिमाचल प्रदेश के उनके पैतृक गांव ले जाया गया।

IAF के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि दुर्घटना के सही कारणों का पता लगाने के लिए विस्तृत जांच के आदेश दिए गए हैं।

विंग कमांडर नमन स्याल की दुखद मौत से एयर फोर्स समुदाय और उससे आगे शोक की लहर है, क्योंकि पूरा देश एक ऐसे बहादुर ऑफिसर के निधन पर शोक मना रहा है।

भारतीय वायु सेना को स्वदेशी तेजस फाइटर की क्षमताओं को प्रदर्शित करने के लिए कई हवाई प्रदर्शन करने थे।

Point of View

यह घटना न केवल भारतीय वायु सेना के लिए एक क्षति है, बल्कि यह देश की सुरक्षा और बलिदान के प्रति हमारी जिम्मेदारी को भी दर्शाती है। हमें ऐसे वीरों की शहादत का सम्मान करना चाहिए और उनके योगदान को हमेशा याद रखना चाहिए।
NationPress
27/11/2025

Frequently Asked Questions

विंग कमांडर नमन स्याल का पार्थिव शरीर कहाँ लाया गया?
उनका पार्थिव शरीर कोयंबटूर के सुलूर एयर फोर्स स्टेशन लाया गया।
नमन स्याल की उम्र क्या थी?
विंग कमांडर नमन स्याल की उम्र 37 वर्ष थी।
नमन स्याल ने किस कार्यक्रम में भाग लिया था?
उन्होंने दुबई इंटरनेशनल एयर शो में भाग लिया था।
उनकी शहादत के बाद उन्हें किस तरह से सम्मानित किया गया?
उनको पूरे मिलिट्री ऑनर के साथ श्रद्धांजलि दी गई।
क्या उनकी मृत्यु के कारण की जांच की जा रही है?
हाँ, दुर्घटना के सही कारणों का पता लगाने के लिए विस्तृत जांच के आदेश दिए गए हैं।
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