क्या तेजस्वी के 'बिहार का नायक' पोस्टर पर अजय आलोक का तंज सही है?
सारांश
Key Takeaways
- तेजस्वी यादव का नायक बनना राजनीतिक विवाद का हिस्सा है।
- भाजपा प्रवक्ता अजय आलोक ने कटाक्ष किया है।
- बिहार चुनाव 6 और 11 नवंबर को होंगे।
- महागठबंधन ने तेजस्वी को मुख्यमंत्री उम्मीदवार बनाया है।
- सोशल मीडिया पर इस मुद्दे पर चर्चा हो रही है।
पटना, २५ अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार चुनाव के दौरान राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के पटना स्थित कार्यालय के बाहर लगाए गए 'बिहार का नायक' पोस्टर ने राजनीतिक हलचल मचा दी है। इस पोस्टर में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को नायक के रूप में दर्शाया गया है। इस पर भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता अजय आलोक ने कटाक्ष किया है। उन्होंने कहा कि तेजस्वी को पहले आईने में अपनी छवि देखनी चाहिए, क्योंकि वह नायक बनने का दावा कर रहे हैं।
अजय आलोक ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा, बिहार के दिन अभी भी उज्ज्वल हैं। यह वही पवित्र भूमि है, जहाँ जननायक जय प्रकाश नारायण ने उदय होकर सम्पूर्ण देश में क्रांति की लहर फैलाई और इंदिरा गांधी को सत्ता से हटाया। यह वही बिहार है, जहाँ जननायक कर्पूरी ठाकुर ने सामाजिक न्याय की नींव रखी और नए आरक्षण मॉडल के साथ राज्य का नक्शा बदला। लेकिन अब उसी भूमि पर एक भ्रष्ट परिवार के बेटे को, जिसे बिहार के विकास की कोई चिंता नहीं, 'बिहार का नायक' बनाकर पेश किया जा रहा है।
भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि ऐसे पोस्टर लगाने से पहले तेजस्वी को शर्म आनी चाहिए। पटना में राजद कार्यालय के बाहर लगे इस पोस्टर में तेजस्वी यादव की तस्वीर के साथ 'बिहार का नायक' लिखा गया है। यह पोस्टर उस समय लगाया गया है जब महागठबंधन ने तेजस्वी को मुख्यमंत्री उम्मीदवार के रूप में पेश किया है।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट के माध्यम से अजय आलोक ने तंज कसा। उन्होंने लिखा कि जयप्रकाश हुए, लोकनायक कर्पूरी हुए जननायक और अब नौवां फेल बने नायक। क्या किस्मत है बिहार की।
बता दें कि बिहार विधानसभा चुनाव की २४३ सीटों के लिए ६ और ११ नवंबर को मतदान होगा और १४ नवंबर को मतगणना होगी।
इंडिया अलायंस गठबंधन और एनडीए ने चुनावी अभियान को तेज कर दिया है। पीएम मोदी ने जहाँ समस्तीपुर की जनसभा में लालटेन का जिक्र कर महागठबंधन पर जोरदार हमला किया, वहीं तेजस्वी यादव ने दावा किया है कि एनडीए विकास और रोजगार के मुद्दों पर चर्चा नहीं करना चाहती।