क्या तेजस्वी यादव की बातों पर विश्वास किया जा सकता है?

सारांश
Key Takeaways
- तेजस्वी यादव की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए गए हैं।
- बिहार में सभी युवाओं को नौकरी का वादा महज ख्वाब है।
- बिहार का कुल बजट 3 लाख 17 करोड़ रुपए है।
- मांझी ने तेजस्वी के वादों को खारिज किया है।
- मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कदमों की सराहना की गई है।
पटना, 22 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के नेता और केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी ने बुधवार को राजद नेता तेजस्वी यादव पर तीखा प्रहार किया।
उन्होंने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में तेजस्वी यादव की विश्वसनीयता पर सवाल उठाते हुए कहा कि उनकी बातों पर आस्था नहीं की जा सकती। वे जो भी बोलते हैं, वह महज ख्याली पुलाव होते हैं। इससे पहले तेजस्वी यादव ने बिहार के सभी युवाओं को नौकरी देने का वादा किया था, जिसे विशेषज्ञों ने तर्कों के साथ खारिज किया था।
मांझी ने कहा कि अगर तेजस्वी यादव बिहार में सभी युवाओं को नौकरी देने का वादा पूरा करना चाहते हैं, तो इसके लिए सात लाख करोड़ रुपए की जरूरत होगी, जबकि बिहार का कुल बजट केवल 3 लाख 17 करोड़ रुपए है। ऐसे में, मेरा सवाल है कि वह सात लाख करोड़ रुपए कहां से लाएंगे? इस तरह की बेबुनियादी बातें कहकर वह प्रदेश के लोगों को गुमराह कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि पहले भी इन लोगों ने ‘संविधान खतरे में है’ का थ्योरी पेश किया था, लेकिन इससे क्या हुआ? यह निश्चित है कि झूठी अवधारणाएं स्थापित करने की कोशिशों से एनडीए के सीटों में गिरावट आई। लेकिन मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि किसी भी व्यक्ति को आम के नीचे बबूल मिल सकता है, लेकिन बार-बार नहीं।
उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव को यह भ्रम है कि प्रदेश में उनकी सरकार बनने वाली है, पर असलियत यह है कि इस बार प्रदेश की जनता उन्हें फिर से हार का सामना कराने जा रही है। मैं प्रदेश के लोगों से अपील करता हूं कि वे इन पर विश्वास न करें, क्योंकि ये अब विश्वास के लायक नहीं रहे।
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रदेश के लोगों के हित में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, जैसे महिलाओं को सशक्त करना। इसी प्रकार, केंद्र सरकार ने भी मुफ्त अनाज देने का ऐलान किया है। यदि आप पूरी प्रक्रिया को समझें, तो आपको पता चलेगा कि किस प्रकार से प्रदेश के सभी लोगों के हितों को प्राथमिकता दी जा रही है। हमारी सरकार की कार्यशैली से यह स्पष्ट है कि वे किसी भी व्यक्ति के हितों से कोई समझौता नहीं करने जा रहे हैं।
जीतनराम मांझी ने कहा कि जब बिहार में लालू यादव की सरकार थी, तब भी इन लोगों ने कुछ नहीं किया। अब तेजस्वी यादव कई वादे कर रहे हैं, लेकिन इन वादों से कुछ नहीं होने वाला है।