क्या तेजस्वी यादव अपने पिता लालू यादव के साथ दिल्ली जा रहे हैं?

सारांश
Key Takeaways
- तेजस्वी यादव और लालू यादव की दिल्ली यात्रा महागठबंधन के लिए महत्वपूर्ण है।
- लालू यादव को अदालत में पेश होना है, जो राजनीतिक स्थिति को प्रभावित कर सकता है।
- महागठबंधन में सीट बंटवारे पर चर्चा जारी है।
- कांग्रेस के नेताओं से मुलाकात संभावित राजनीतिक सहयोग का संकेत देती है।
- बिहार के चुनाव का परिणाम विकास और विनाश के बीच का संघर्ष हो सकता है।
पटना, 12 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर चल रही खींचतान के बीच, तेजस्वी यादव अपने पिता और राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू यादव के साथ दिल्ली के लिए रवाना हो गए। यह माना जा रहा है कि वे वहां कांग्रेस के प्रमुख नेताओं से मुलाकात करेंगे।
सूत्रों के अनुसार, लालू यादव के परिवार को लैंड फॉर जॉब से जुड़े एक मामले में 13 अक्टूबर को दिल्ली की एक अदालत में पेश होना है। कोर्ट ने उन्हें व्यक्तिगत रूप से हाजिर होने का निर्देश दिया है। इस बीच, कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा कि सीट बंटवारे पर चर्चा लगभग पूरी हो चुकी है। अंतिम समय में जो सीटों की समस्याएं आती हैं, वे सभी पार्टियों में होती हैं, एनडीए में भी हैं। लेकिन, एक से दो दिनों में स्थिति स्पष्ट होने की उम्मीद है और घोषणा की जाएगी।
उन्होंने आगे महागठबंधन में किसी भी प्रकार की नाराजगी को खारिज करते हुए कहा कि ऑल इज वेल।
इस बीच, पूर्णिया से सांसद पप्पू यादव ने कहा कि गठबंधन सर्वोपरि है, बिहार की जनता और बिहार महत्वपूर्ण है। इंडी गठबंधन को जीताना आवश्यक है, सीटें महत्वपूर्ण नहीं हैं। यह चुनाव विनाश बनाम विकास के बीच होगा। चुनाव राहुल गांधी के प्रेम, विकास और संघर्ष की ताकत पर निर्भर करेगा। एक ओर नफरत और विनाश है।
उन्होंने कहा कि बिहार का चुनाव जनता के लिए होगा और महागठबंधन में सभी को सम्मान मिलेगा। कार्यकर्ताओं को सम्मान देने की आवश्यकता है। उन्होंने दावा किया कि बिहार के ओबीसी और अल्पसंख्यक चट्टानी एकता के साथ राहुल गांधी के संघर्ष का समर्थन कर रहे हैं। विकासशील इंसान पार्टी के प्रमुख मुकेश सहनी के उप मुख्यमंत्री पद की दावेदारी पर कहा कि सभी को अपनी बात रखने का अधिकार है। मुकेश सहनी भी अपनी बात रख रहे हैं, इसमें क्या बुराई है?