क्या तेजस्वी यादव ने सुप्रीम कोर्ट में एसआईआर पर उठाई महत्वपूर्ण बातें?

सारांश
Key Takeaways
- एसआईआर में आधार कार्ड, राशन कार्ड और वोटर कार्ड का शामिल होना आवश्यक है।
- सुप्रीम कोर्ट का आदेश चुनाव आयोग के लिए चुनौती बन सकता है।
- बिहार में कानून व्यवस्था को लेकर तेजस्वी यादव की चिंता।
- एन्यूमरेशन फॉर्म में ७४.३९ प्रतिशत कवरेज हो चुका है।
- फॉर्म जमा करने की अंतिम तिथि २५ जुलाई है।
पटना, ११ जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। बिहार की विधानसभा चुनाव के लिए मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) पर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को एसआईआर के दस्तावेजों में आधार कार्ड, राशन कार्ड और वोटर कार्ड को शामिल करने पर विचार करने के लिए निर्देशित किया है। इस संदर्भ में राजद के नेता और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की।
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव ने शुक्रवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट का धन्यवाद करते हैं। हमने एसआईआर के खिलाफ दायर याचिका में जो बातें रखी थीं, वही सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से पूछी हैं। इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया के पास इसका कोई सटीक जवाब नहीं है।
उन्होंने आगे कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को सलाह दी है कि आधार कार्ड, जॉब या मनरेगा कार्ड को भी एसआईआर के दस्तावेजों में शामिल किया जाए। जो बातें हम उठाते रहे हैं, वही सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को सुझाई हैं। अब इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में २८ जुलाई को फिर से सुनवाई होगी। तेजस्वी यादव ने बिहार की कानून व्यवस्था पर चिंता जताते हुए कहा कि पूरे राज्य में हाहाकार मचा हुआ है।
ज्ञात हो कि बिहार में चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) अभियान के तहत राज्य के तीन में से हर चार मतदाताओं ने अपने एन्यूमरेशन फॉर्म जमा कर दिए हैं। चुनाव आयोग के एक अधिकारी ने शुक्रवार को बताया कि अब तक कुल ७४.३९ प्रतिशत कवरेज हो चुका है।
चुनाव आयोग की ओर से जारी बयान के अनुसार, “शुक्रवार शाम ६ बजे तक पिछले १७ दिनों में कुल ५.८७ करोड़ एन्यूमरेशन फॉर्म एकत्र किए गए हैं, जो कुल अनुमानित फॉर्म का ७४.३९ प्रतिशत है। यह प्रक्रिया २४ जून को एसआईआर निर्देश जारी होने के बाद शुरू हुई थी। फॉर्म जमा करने की अंतिम तिथि २५ जुलाई है।”