क्या तेलंगाना फार्मा प्लांट ब्लास्ट में 36 श्रमिकों की मृत्यु हुई?

सारांश
Key Takeaways
- तेलंगाना में फार्मा प्लांट विस्फोट से 36 श्रमिकों की मौत हुई।
- मुख्यमंत्री ने घटनास्थल का दौरा किया।
- बचाव कार्य जारी है।
- सरकार ने उच्च-स्तरीय समिति का गठन किया है।
- अनियमितताओं की जांच की जाएगी।
हैदराबाद, 1 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने मंगलवार को पाशमैलारम में स्थित फार्मास्यूटिकल इकाई का दौरा किया, जहां सोमवार को हुए विस्फोट में 36 श्रमिकों की जान चली गई।
मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने सिगाची इंडस्ट्रीज की फार्मा फैक्ट्री का दौरा किया, जहाँ 24 घंटे से अधिक समय बाद भी बचाव कार्य जारी है।
रेड्डी ने सांगारेड्डी जिले के पाशमैलारम औद्योगिक क्षेत्र में स्थित यूनिट के बारे में वरिष्ठ अधिकारियों से विस्फोट और इसके बाद लगी आग की स्थिति के बारे में चर्चा की।
उन्होंने बचाव कार्य की स्थिति से अवगत होते हुए कहा कि बचावकर्मी विस्फोट के प्रभाव से ढही तीन मंजिला इमारत के मलबे में शवों की तलाश कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री के साथ मंत्री दामोदर राजा नरसिम्हा, डी. श्रीधर बाबू, पी. श्रीनिवास रेड्डी और जी. विवेक तथा वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
सीएम रेड्डी ने उद्योग विभाग के अधिकारियों और कंपनी के प्रतिनिधियों से बातचीत की। उन्होंने फैक्ट्री निदेशक और बॉयलर इंस्पेक्टर से पूछा कि क्या नियमित निरीक्षण किया गया था और क्या कोई कमियां पाई गई थीं। उन्होंने अधिकारियों को निरीक्षण और कमियों पर की गई कार्रवाई की रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।
मुख्यमंत्री ने विस्फोट के कारणों का पता लगाने के लिए विशेषज्ञों की राय लेने और भविष्य में ऐसी आपदाओं को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाने को कहा। उन्होंने बचाव और राहत कार्य में लगे विभागों को समन्वय बनाए रखने और मलबा हटाने के दौरान दुर्घटनाओं से बचने का निर्देश दिया।
मुख्यमंत्री ने कंपनी के प्रतिनिधियों से पूछा कि क्या उन्होंने मृतकों और घायलों के परिवारों को मुआवज़ा देने का निर्णय लिया है?
मुख्यमंत्री और उद्योग मंत्री श्रीधर बाबू ने हादसे के 24 घंटे बाद भी कंपनी के शीर्ष प्रबंधन की अनुपस्थिति पर सवाल उठाया। श्रीधर बाबू ने कहा, "अगर आप इतने व्यस्त हैं, तो फैक्ट्रियां क्यों चला रहे हैं?"
उन्होंने कहा कि सरकार इस मामले को गंभीरता से लेगी।
मुख्यमंत्री ने कंपनी को मानवीय आधार पर पीड़ितों की मदद के लिए आगे आने का अनुरोध किया।
राज्य सरकार ने इस आपदा और इसके कारणों की जांच के लिए मुख्य सचिव, विशेष मुख्य सचिव (आपदा प्रबंधन), प्रधान सचिव (श्रम), प्रधान सचिव (स्वास्थ्य), और अतिरिक्त डीजीपी (अग्निशामक सेवाएं) के नेतृत्व में एक उच्च-स्तरीय समिति का गठन किया है।