क्या एआईएमआईएम कार्यकर्ताओं ने तेजस्वी की बिहार अधिकार यात्रा को रोका?

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क्या एआईएमआईएम कार्यकर्ताओं ने तेजस्वी की बिहार अधिकार यात्रा को रोका?

सारांश

तेजस्वी यादव की बिहार अधिकार यात्रा में एआईएमआईएम कार्यकर्ताओं का विरोध। क्या बिहार में महागठबंधन की सियासत में नया मोड़ आने वाला है? जानिए इस घटनाक्रम के पीछे की कहानी और तेजस्वी का क्या कहना है।

Key Takeaways

  • तेजस्वी यादव की यात्रा में एआईएमआईएम का विरोध दिखाता है कि बिहार की राजनीति में अंदरूनी असंतोष बढ़ रहा है।
  • युवाओं की मांग है कि उन्हें उचित राजनीतिक प्रतिनिधित्व मिले।
  • तेजस्वी का फोकस बेरोजगारी और पलायन पर है।

दरभंगा, 19 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। दरभंगा के सुपौल बाजार में शुक्रवार को नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की बिहार अधिकार यात्रा के दौरान ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के कार्यकर्ताओं ने उनकी वैन को रोककर नारेबाजी की। उन्होंने महागठबंधन में अपनी पार्टी को शामिल करने की मांग की।

इससे पहले, यात्रा के तीसरे दिन गुरुवार रात मधेपुरा जिले के सिंहेश्वर प्रखंड अंतर्गत झिटकिया में भी तेजस्वी को विरोध का सामना करना पड़ा था। जब उनकी यात्रा सिंहेश्वर से मधेपुरा की ओर बढ़ रही थी, तभी बड़ी संख्या में स्थानीय मुस्लिम युवा सड़क पर उतर आए और ‘गठबंधन नहीं तो वोट नहीं’ के नारे लगाने लगे थे।

युवाओं की मांग थी कि यदि आरजेडी मुसलमानों की जनसंख्या के अनुपात में उन्हें राजनीति में हिस्सेदारी नहीं देती तो वे वोट नहीं देंगे।

शुक्रवार को तेजस्वी यादव की बिहार अधिकार यात्रा का चौथा दिन रहा। इस दौरान वे मधेपुरा से सहरसा पहुंचे, जहां उन्होंने तीन जगहों पर जनता को संबोधित किया। अपने भाषण में तेजस्वी ने बिहार की सबसे बड़ी समस्याओं पलायन और बेरोजगारी को मुद्दा बनाया।

उन्होंने कहा कि आज भी लाखों बिहारी युवाओं को रोजगार की तलाश में अपने घर से दूर जाना पड़ता है। यह स्थिति बताती है कि राज्य में सुशासन पूरी तरह विफल हो चुका है।

तेजस्वी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तंज कसते हुए कहा कि अब वे अचेत अवस्था में हैं और बिहार को संभालने की क्षमता उनमें नहीं बची है। उन्होंने युवाओं से अपील की कि बिहार को अब एक युवा मुख्यमंत्री चाहिए, क्योंकि खटारा सरकार अब चलने वाली नहीं है।

तेजस्वी ने बेरोजगार युवाओं को भरोसा दिलाया कि अगर उन्हें मौका मिला तो जिसके पास डिग्री होगी, उसे नौकरी दी जाएगी।

साथ ही उन्होंने भ्रष्टाचार को लेकर भी तीखा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि बिहार में बिना घूस दिए कोई काम नहीं हो रहा है और यह स्थिति आम लोगों के लिए बेहद अपमानजनक है। उन्होंने जनता से वादा किया कि उनकी सरकार में इस स्थिति को बदला जाएगा।

Point of View

यह स्पष्ट है कि बिहार की राजनीति में महागठबंधन की स्थिति जटिल होती जा रही है। एआईएमआईएम का प्रदर्शन दर्शाता है कि राजनीतिक दलों के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर असंतोष बढ़ रहा है। यह स्थिति आगामी चुनावों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।
NationPress
19/09/2025

Frequently Asked Questions

तेजस्वी यादव कौन हैं?
तेजस्वी यादव बिहार के नेता प्रतिपक्ष हैं और आरजेडी के प्रमुख नेता हैं।
एआईएमआईएम क्या है?
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) एक राजनीतिक पार्टी है जो मुख्य रूप से मुसलमानों के हितों की रक्षा के लिए काम करती है।
महागठबंधन में कौन-कौन सी पार्टियाँ हैं?
महागठबंधन में आरजेडी, कांग्रेस और अन्य क्षेत्रीय दल शामिल हैं।