क्या नरेश म्हास्के ने राजन विचारे पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए?

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क्या <b>नरेश म्हास्के</b> ने <b>राजन विचारे</b> पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए?

सारांश

ठाणे में, शिवसेना सांसद नरेश म्हास्के ने पूर्व सांसद राजन विचारे पर गंभीर भ्रष्टाचार के आरोपों की बौछार की। क्या यह आरोप सही हैं? जानें, इस विवाद की गहराई में जाकर।

Key Takeaways

  • राजन विचारे पर गंभीर आरोप लगे हैं।
  • नरेश म्हास्के ने भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाई है।
  • 1998 की नंदलाल समिति की रिपोर्ट में विचारे को मुख्य आरोपी बताया गया।
  • भ्रष्टाचार के खिलाफ जागरूकता फैलाने की आवश्यकता है।

ठाणे, 13 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। शिवसेना के सांसद नरेश म्हास्के ने पूर्व सांसद राजन विचारे पर सोमवार को गंभीर आरोप लगाए। म्हास्के ने कहा कि जो व्यक्ति खुद भ्रष्टाचार का दोषी साबित हो चुका है, वह दूसरों पर उंगली उठाने का हकदार नहीं है।

म्हास्के ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए 1998 की नंदलाल समिति की रिपोर्ट का उल्लेख किया और विचारे को भ्रष्टाचार का मुख्य आरोपी बताया। उन्होंने कहा, "सबसे अचंभित करने वाली बात यह है कि धर्मवीर आनंद दिघे साहेब ने जिसे भ्रष्टाचारी कहा, वही आज भ्रष्टाचार विरोधी मोर्चा निकालने का प्रयास कर रहा है। 1996 में दिघे साहेब ने लोकप्रतिनिधियों पर आरोप लगाया था कि वे ठेकेदारों से 40-41 प्रतिशत कमीशन लेते हैं।"

उन्होंने बताया कि जब शिवसेना की सरकार थी और मनोहर जोशी मुख्यमंत्री थे, तब भ्रष्टाचार की जांच के लिए नंदलाल समिति का गठन किया गया। 1998 में आई रिपोर्ट में राजन विचारे को मुख्य आरोपी पाया गया। म्हास्के ने व्यंग्य करते हुए कहा, "और आज वही विचारे दूसरों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगा रहे हैं, यह तो दुनिया का आठवां आश्चर्य है। 'सौ चूहे खाकर बिल्ली हज को चली' यही उनकी स्थिति है।"

म्हास्के ने कहा कि जब विचारे को दोषी ठहराया गया, तब मनपा महासभा में कार्रवाई न करने का प्रस्ताव लाया गया, लेकिन सरकार ने इसे खारिज कर दिया। न्यायिक प्रक्रिया शुरू हुई, लेकिन अब वही आरोपी प्रस्ताव दर्ज करने की बात कर रहा है। महापौर रहते विचारे के फैसले पर उन्होंने कहा, "उल्टा चोर कोतवाल को डांटे जैसी हालत हो गई है।" उन्होंने सवाल उठाया कि जिन दिघे साहेब ने विचारे पर आरोप लगाए, उन्हें दूसरों को भ्रष्टाचारी कहने का अधिकार किसने दिया? अगर दिघे साहेब के आरोप झूठे थे, तो विचारे को स्पष्ट करना चाहिए। साथ ही, मोर्चे में शामिल केदार दिघे से भी जवाब मांगा।

म्हास्के ने राष्ट्रवादी पार्टी के मोर्चे में शामिल होने की खबर पर तंज कसते हुए कहा, "जितेंद्र आव्हाड ने ही विचारे की गिरफ्तारी की मांग के पोस्टर लगवाए थे। अब उनसे सवाल पूछिए।" उन्होंने चेतावनी दी, "ये वही लोग हम पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हैं जो खुद दोषी हैं। वे ही जेल जाएंगे। क्या विचारे में हिम्मत है कि नंदलाल समिति की जांच फिर से करवाई जाए?"

Point of View

लेकिन हमें इसे संतुलित दृष्टिकोण से देखना चाहिए। किसी भी व्यक्ति को बिना उचित प्रक्रिया के दोषी नहीं ठहराया जाना चाहिए। यह मामला भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई को दर्शाता है, लेकिन इसमें राजनीतिक स्वार्थ भी शामिल हो सकते हैं।
NationPress
13/10/2025

Frequently Asked Questions

राजन विचारे पर आरोप क्यों लगाए गए हैं?
नरेश म्हास्के ने 1998 की नंदलाल समिति की रिपोर्ट का हवाला देते हुए आरोप लगाए कि विचारे भ्रष्टाचार के मुख्य आरोपी हैं।
क्या नंदलाल समिति की रिपोर्ट में राजन विचारे दोषी पाए गए थे?
जी हाँ, 1998 में आई नंदलाल समिति की रिपोर्ट में राजन विचारे को मुख्य आरोपी माना गया था।
भ्रष्टाचार विरोधी मोर्चा क्या है?
भ्रष्टाचार विरोधी मोर्चा एक पहल है जिसका उद्देश्य भ्रष्टाचार के खिलाफ जागरूकता फैलाना और कार्रवाई करना है।