क्या एसआईआर प्रक्रिया के डर से टीएमसी नेता कर रहे हैं अनर्गल बयानबाजी? : अशोक रॉय

सारांश
Key Takeaways
- अब्दुर रहीम बॉक्सी का विवादास्पद बयान राजनीतिक तनाव को बढ़ा रहा है।
- भाजपा के अशोक रॉय ने इसे लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ बताया है।
- जिला प्रशासन ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तुरंत कार्रवाई शुरू की है।
- टीएमसी नेताओं के बयानों के पीछे एसआईआर प्रक्रिया का डर हो सकता है।
- कानूनी कार्रवाई की संभावना बनी हुई है।
कोलकाता, 7 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। पश्चिम बंगाल के मालदा जिले में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के अध्यक्ष अब्दुर रहीम बॉक्सी का एक और विवादास्पद बयान राज्य की राजनीतिक स्थिति को गरमा रहा है।
मालदा के मालतीपुर विधानसभा क्षेत्र के इनायतनगर में ब्लॉक टीएमसी द्वारा आयोजित एक विरोध रैली में बॉक्सी ने भाजपा विधायक शंकर घोष के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की। उन्होंने घोष के मुंह में तेजाब डालने की धमकी दी, जिसके कारण सियासी हलकों में उथल-पुथल मच गई। इस बयान ने न केवल टीएमसी और भाजपा के बीच तनाव को बढ़ाया, बल्कि पूरे राज्य में तीखी प्रतिक्रियाओं का दौर भी शुरू कर दिया है।
बॉक्सी के बयान की आलोचना करते हुए, कटवा जिले के भाजपा मीडिया प्रभारी अशोक रॉय ने कहा, "जब मुख्यमंत्री ममता बनर्जी संसद में खड़ी होकर देश के प्रधानमंत्री के खिलाफ अभद्र शब्दों का प्रयोग कर सकती हैं, तो टीएमसी नेताओं की ऐसी शर्मनाक और गैरकानूनी धमकियां अप्रत्याशित नहीं हैं। टीएमसी विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) मामले को लेकर डरी हुई है, इसलिए वे इस तरह के बयानों का सहारा ले रही हैं।"
अशोक रॉय ने यह भी कहा कि टीएमसी का यह व्यवहार लोकतांत्रिक सिद्धांतों के खिलाफ है और पूरी तरह से अस्वीकार्य है। भाजपा कार्यकर्ता इस तरह की धमकियों से डरने वाले नहीं हैं और हिंसा की इस संस्कृति के खिलाफ मजबूत प्रतिरोध बनाएंगे।
वहीं, इस विवाद के बाद जिला प्रशासन ने मामले की गंभीरता को देखते हुए त्वरित कार्रवाई शुरू कर दी है। स्थानीय पुलिस ने घटनास्थल से वीडियो क्लिप एकत्र किए हैं और बयान की पुष्टि के लिए उनकी जांच की जा रही है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, इस मामले में कानूनी कार्रवाई की संभावना है और जांच पूरी होने के बाद उचित कदम उठाए जाएंगे।