क्या ट्रेनिंग प्रोग्राम से इंजीनियरों और राज्य को होगा फायदा? : अरुण साव

सारांश
Key Takeaways
- इंजीनियर्स की क्षमता बढ़ाने के लिए ट्रेनिंग प्रोग्राम।
- मानक ब्यूरो द्वारा गुणवत्ता में सुधार के उपाय।
- राज्य के विकास में नवीनतम तकनीक का उपयोग।
- उत्तराखंड में आपदा राहत कार्य की जानकारी।
- बचाव कार्य में मौसम की चुनौतियाँ।
रायपुर, 6 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। रायपुर में भारतीय मानक ब्यूरो ने कंस्ट्रक्शन क्वालिटी और फायर सेफ्टी पर एक महत्वपूर्ण दो दिवसीय ट्रेनिंग प्रोग्राम का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने भाग लिया। आईआईटी के प्रोफेसर रिटायर अभियंताओं को प्रशिक्षण प्रदान कर रहे हैं।
उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत के दौरान कहा कि राजधानी रायपुर में भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा लोक निर्माण विभाग के अभियंताओं के लिए दो दिवसीय कैपेसिटी बिल्डिंग प्रोग्राम कार्यशाला का आयोजन किया गया। प्रदेश भर से अभियंता यहाँ आए हैं। भारतीय मानक ब्यूरो निर्माण, इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स के क्षेत्र में किस प्रकार से कार्य करती है, मानक ब्यूरो के प्रावधान क्या हैं और हम अपने काम की गुणवत्ता कैसे बढ़ा सकते हैं, इस पर विभिन्न विषय विशेषज्ञ अभियंताओं को व्याख्यान देंगे। इससे न केवल हमारे इंजीनियर्स को लाभ होगा, बल्कि राज्य को भी फायदा होगा।
उन्होंने उत्तराखंड के उत्तरकाशी में बादल फटने की घटना को दुखद बताते हुए कहा कि केंद्र और राज्य सरकार राहत और बचाव कार्य में जुटी है। इस आपदा में जिन लोगों ने अपनी जान गंवाई है, उनके प्रति श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ।
जानकारी के अनुसार, उत्तराखंड के उत्तरकाशी के धराली में बादल फटने की घटना के बाद राहत और बचाव अभियान चल रहा है। भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के डीआईजी (ऑपरेशन) बरिंदरजीत सिंह ने बताया कि आईटीबीपी की पांच टीम को मौके पर भेजा गया था, जिनमें से तीन टीम रेस्क्यू ऑपरेशन का हिस्सा हैं। हर्षिल और गंगोत्री क्षेत्र में टीम राहत और बचाव कार्य में लगी है।
डीआईजी बरिंदरजीत सिंह ने बताया कि हर्षिल में एयर रेस्क्यू भी शुरू हो चुका है। लगभग पांच घायलों को बचाया गया है। कुछ बॉर्डर एरिया से लाई गई बीआरओ की मशीनें यहाँ लगाई गई हैं। कुछ लोग पहाड़ी पर बचने के लिए चले गए थे, उन्हें भी रेस्क्यू किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन में बारिश चुनौती बन रही है। मौसम अनुकूल नहीं होने के कारण रेस्क्यू टीम को मुश्किल हो रही है। मौसम अनुकूल रहेगा तो ऑपरेशन में तेजी आएगी।