क्या त्रिपुरा में सिविल सोसाइटी के राज्यव्यापी बंद के दौरान अगरतला में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी है?

सारांश
Key Takeaways
- बंद के दौरान भारी सुरक्षा व्यवस्था लागू की गई है।
- प्रदर्शनकारियों की मांगें आदिवासी समुदायों की आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करती हैं।
- सरकार को इन मांगों पर गंभीरता से विचार करना चाहिए।
अगरतला, 23 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। त्रिपुरा में राज्यव्यापी बंद के दौरान अगरतला और अन्य क्षेत्रों में भारी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। त्रिपुरा सिविल सोसाइटी ने टिप्रा मोथा विधायक रंजीत देब्बर्मा के नेतृत्व में 24 घंटे के राज्यव्यापी बंद का आह्वान किया है।
यह बंद आठ-सूत्री मांगों के संदर्भ में बुलाया गया है, जिसमें गृह मंत्रालय (एमएचए) की अधिसूचना के अनुसार अवैध प्रवासियों की पहचान और निष्कासन, टिप्रासा समझौते का पूर्ण कार्यान्वयन, इनर लाइन परमिट प्रणाली का लागू करना, फर्जी अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) प्रमाणपत्रों का रद्दीकरण, और कोकबोरोक भाषा के लिए रोमन लिपि का अपनाना शामिल है।
बंद के दौरान कई क्षेत्रों में दुकानों, बाजारों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों का संचालन ठप रहा, जबकि सार्वजनिक परिवहन सेवाएं आंशिक रूप से प्रभावित रहीं। समर्थकों ने प्रदर्शन करते हुए अपनी मांगों के समर्थन में नारे लगाए। इस दौरान, प्रदर्शनकारियों ने सड़कों पर टायर जलाए।
सिविल सोसाइटी ऑफ त्रिपुरा ने बताया कि उनकी ये मांगें राज्य की आदिवासी समुदायों की लंबे समय से लंबित आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करती हैं और सरकार से इन्हें जल्द से जल्द लागू करने की अपील की।
दूसरी ओर, पुलिस ने शांति बनाए रखने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने की बात कही है। प्रशासन ने कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ने से रोकने के लिए संवेदनशील इलाकों में अतिरिक्त पुलिस और अर्धसैनिक बलों की तैनाती की। प्रमुख चौराहों पर सुरक्षा चौकियां स्थापित की गईं और पूरे शहर में गश्त तेज कर दी गई।