क्या चुनावी फायदे के लिए बदलते हैं गठबंधन? उदय सामंत ने शिवसेना यूबीटी पर साधा निशाना

सारांश
Key Takeaways
- उदय सामंत का विपक्ष पर हमला
- यूबीटी की अवसरवादी सोच
- जनसुरक्षा विधेयक का महत्व
- राजनीतिक स्थिरता की आवश्यकता
- संजय गायकवाड का विवाद
मुंबई, 10 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। महाराष्ट्र सरकार के कैबिनेट मंत्री और शिवसेना के वरिष्ठ नेता उदय सामंत ने गुरुवार को विपक्ष और विशेषकर उद्धव ठाकरे गुट (यूबीटी) पर जोरदार हमला बोला। उन्होंने विपक्ष के बदलते रुख और हालिया राजनीतिक घटनाक्रमों पर अपनी बेबाक राय रखी।
उदय सामंत ने संजय राऊत पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि यूबीटी अब इंडिया गठबंधन की आवश्यकता नहीं समझता, जो यह दर्शाता है कि यह पार्टी केवल राजनीति में उपयोग करती है और बाद में छोड़ देती है। लोकसभा चुनाव के दौरान उन्हें इंडिया गठबंधन की आवश्यकता थी, इसलिए वह साथ रहे। अब महानगरपालिका चुनाव नजदीक हैं, तो उन्हें मनसे की जरूरत महसूस हो रही है, इसलिए अब उनके साथ हो लिए हैं।
सामंत ने आरोप लगाया कि यही अवसरवादी सोच उनके और उद्धव गुट के बीच मतभेदों की सबसे बड़ी वजह बनी। उन्होंने कहा कि शिवसेना ने हमेशा स्थिर और स्पष्ट विचारधारा की राजनीति की है, न कि सुविधा के अनुसार गठबंधन करने की।
शिवसेना विधायक संजय गायकवाड के बारे में सवाल पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि हमारी सरकार किसी भी प्रकार की हिंसा का समर्थन नहीं करती। हम इस घटना का समर्थन नहीं करते। लेकिन, इसका दूसरा पक्ष भी है। संजय गायकवाड ने कैंटीन में खराब भोजन के खिलाफ आवाज उठाई थी, जो आम विधायक और कर्मचारियों का भी मुद्दा है। लेकिन, इसका यह मतलब नहीं कि कोई कानून अपने हाथ में ले।
उन्होंने आगे कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने इस घटना पर सख्त नाराजगी जताई है और स्पष्ट किया है कि दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी।
महाराष्ट्र सरकार द्वारा प्रस्तावित जनसुरक्षा विधेयक पर विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए उदय सामंत ने कहा कि यह बिल राज्य की जनता के हित में है। विपक्ष इसे लेकर बेवजह डर और भ्रम फैला रहा है। जब यह बिल सदन में पेश होगा, तब सरकार पूरे तथ्यों के साथ पक्ष रखेगी।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह विधेयक आम नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से लाया गया है, न कि किसी के अधिकारों को दबाने के लिए।