क्या उज्ज्वल निकम को राज्यसभा में मनोनीत होने पर शाइना एनसी ने शुभकामनाएं दीं?

सारांश
Key Takeaways
- उज्ज्वल निकम को राज्यसभा के लिए मनोनीत किया गया।
- शाइना एनसी ने उन्हें शुभकामनाएं दीं।
- यूनेस्को ने छत्रपति शिवाजी महाराज के १२ किलों को विश्व धरोहर में शामिल किया।
- ये किले मराठा साम्राज्य के इतिहास को दर्शाते हैं।
- राज्यसभा में मनोनीत अन्य व्यक्तियों को भी बधाई दी गई।
मुंबई, १३ जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। प्रसिद्ध वकील उज्ज्वल निकम को राज्यसभा के लिए मनोनीत किए जाने पर शिवसेना की नेता शाइना एनसी ने उन्हें दिल से शुभकामनाएं दीं।
राष्ट्र प्रेस से बात करते हुए उन्होंने कहा कि उज्ज्वल निकम सिर्फ एक सम्मानित लोक अभियोजक नहीं हैं, बल्कि उन्हें २६/११ में अजमल कसाब के अभियोजन जैसे उच्च प्रोफाइल आपराधिक मामलों में उनकी भूमिका के लिए भी जाना जाता है। मुंबई के निवासियों की ओर से उन्हें ढेर सारी शुभकामनाएं। उन्होंने राज्यसभा के लिए मनोनीत किए गए पूर्व विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला, वरिष्ठ समाजसेवी और शिक्षाविद् सी. सदानंदन और प्रसिद्ध इतिहासकार मीनाक्षी जैन को भी अपनी शुभकामनाएं प्रकट कीं।
उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "प्रसिद्ध इतिहासकार डॉ. मीनाक्षी जैन, पूर्व राजनयिक हर्षवर्धन श्रृंगला, समाजसेवी सी. सदानंदन और वरिष्ठ अधिवक्ता उज्ज्वल निकम को राष्ट्रपति द्वारा राज्यसभा के लिए मनोनीत किए जाने पर बधाई। उनके क्षेत्र में विशिष्ट सेवा और उल्लेखनीय योगदान वाकई प्रेरणादायक हैं। राष्ट्र के प्रति उनकी समर्पित सेवा में उन्हें निरंतर शक्ति और सफलता मिले।"
छत्रपति शिवाजी महाराज के १२ किलों को यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल किए जाने पर शाइना एनसी ने कहा कि यूनेस्को ने मराठा सैन्य परिदृश्य के रूप में जाने जाने वाले बारह किलों को विश्व धरोहर सूची में मान्यता दी है। यह महाराष्ट्र और भारत के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
उन्होंने कहा कि छत्रपति शिवाजी और मराठा साम्राज्य का जो अद्भुत इतिहास है, वह अब विश्व में चर्चा का विषय बन चुका है। भारत सरकार के साथ हम राज्य सरकार को भी शुभकामनाएं देना चाहते हैं।
ज्ञात हो कि छत्रपति शिवाजी महाराज के १२ किलों को यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल किया गया है, जो भारत और विशेषकर महाराष्ट्र के लिए गर्व का क्षण है। इन किलों को 'मराठा मिलिट्री लैंडस्केप्स' के तहत मान्यता दी गई है, जो १७वीं से १९वीं शताब्दी के बीच मराठा साम्राज्य की सैन्य रणनीति और स्थापत्य कला को दर्शाते हैं।