क्या यूपी में 4,09,444 किसानों से धान खरीदा गया? प्रदेश सरकार का पारदर्शिता और किसान हितों पर जोर

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क्या यूपी में 4,09,444 किसानों से धान खरीदा गया? प्रदेश सरकार का पारदर्शिता और किसान हितों पर जोर

सारांश

उत्तर प्रदेश में धान खरीद के लिए योगी सरकार की नीतियों का सकारात्मक प्रभाव। किसानों की संख्या में वृद्धि और पारदर्शी भुगतान व्यवस्था से किसानों का विश्वास बढ़ा। जानें कैसे सरकार ने इस प्रक्रिया को तेज किया है।

Key Takeaways

  • 2025-26 में धान खरीद में 4,09,444 किसानों की भागीदारी।
  • 5569.97 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया।
  • 4,743 ऑनलाइन खरीद केंद्र संचालित किए जा रहे हैं।
  • किसान पंजीकरण में वृद्धि और सत्यापन की गति तेज।
  • बिचौलियों की भूमिका समाप्त की गई।

लखनऊ, 19 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश में खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 के दौरान धान खरीद के लिए योगी सरकार की नीतियों का प्रभाव स्थलीय स्तर पर स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है। प्रदेश सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान खरीद को किसान हितों से जोड़ते हुए न केवल खरीद प्रक्रिया को तेज किया है, बल्कि भुगतान व्यवस्था को भी अधिक पारदर्शी और समयबद्ध बनाया है।

नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, इस वर्ष धान खरीद में किसानों की भागीदारी में वृद्धि हुई है और ऑनलाइन केंद्रों के माध्यम से व्यवस्था को और सुदृढ़ किया गया है। 2025-26 में धान खरीद के लिए अब तक 4,09,444 किसान सीधे जुड़े हैं, जबकि पिछले वर्ष यह संख्या 3,73,840 थी। यह वृद्धि दर्शाती है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में सरकार द्वारा बनाए गए भरोसे और सरल प्रक्रियाओं का सकारात्मक प्रभाव किसानों में महसूस किया जा रहा है। वर्तमान विपणन वर्ष में धान की खरीद का कुल आंकड़ा 2,50,2149.60 मीट्रिक टन तक पहुंच चुका है।

धान खरीद के साथ-साथ सरकार ने डिस्पैच व्यवस्था को भी प्राथमिकता दी है। किसान पंजीकरण और सत्यापन की प्रक्रिया को ऑनलाइन कर बिचौलियों की भूमिका लगभग समाप्त कर दी गई है। भुगतान के मोर्चे पर भी सरकार ने संतुलित और जिम्मेदार रुख अपनाया है। अब तक 5569.97 करोड़ रुपये का भुगतान किसानों को किया जा चुका है।

धान खरीद व्यवस्था को सुचारु बनाने के लिए प्रदेश में 4,743 ऑनलाइन खरीद केंद्र संचालित किए जा रहे हैं, जो पिछले वर्ष के 4,347 केंद्रों की तुलना में अधिक हैं। इन केंद्रों के माध्यम से किसानों को उनके घर के निकट ही अपनी उपज बेचने की सुविधा मिल रही है।

किसान पंजीकरण के संदर्भ में, 19 दिसंबर 2025 तक धान के लिए कुल 8,82,988 किसानों का पंजीकरण हुआ, जिसमें से 6,68,698 किसानों का सत्यापन कार्य पूरा किया जा चुका है। पिछले वर्ष इसी समय सीमा में 7,13,600 किसानों का पंजीकरण हुआ था और 6,10,135 किसानों का सत्यापन किया गया था। ये आंकड़े दर्शाते हैं कि इस वर्ष न केवल पंजीकरण में वृद्धि हुई है, बल्कि सत्यापन की गति भी तेज हुई है।

प्रदेश में वर्ष 2025-26 में अब तक 1,72,109.30 मीट्रिक टन बाजरे की खरीद हो चुकी है, जबकि पिछले वर्ष यह आंकड़ा 81,058.91 मीट्रिक टन था। बाजरे के कुल 41,568 किसानों ने चालू वर्ष में बिक्री की, जबकि पिछले वर्ष यह संख्या 15,096 थी।

ज्वार की चालू वर्ष में खरीद 26,448.60 मीट्रिक टन रही। ज्वार के 7,814 किसानों ने इस वर्ष सरकारी खरीद प्रणाली के अंतर्गत फसल बेची, जो पिछले वर्ष के 7,282 किसानों से अधिक है। ज्वार किसानों को 91.49 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है। ज्वार के लिए 82 क्रय केंद्र ऑनलाइन माध्यम से संचालित किए गए हैं।

Point of View

यह स्पष्ट है कि योगी सरकार की नीतियों ने किसानों के लिए एक सकारात्मक वातावरण तैयार किया है। पारदर्शिता और समयबद्धता के साथ, किसानों का विश्वास बढ़ा है, जो देश की कृषि के लिए एक अच्छी खबर है।
NationPress
19/12/2025

Frequently Asked Questions

उत्तर प्रदेश में धान खरीद की प्रक्रिया कैसे काम करती है?
धान खरीद की प्रक्रिया ऑनलाइन पंजीकरण और सत्यापन के माध्यम से होती है, जिससे बिचौलियों की भूमिका कम हो गई है।
किसानों को भुगतान कैसे किया जाता है?
सरकार ने अब तक 5569.97 करोड़ रुपये का भुगतान किया है, जो समयबद्ध और पारदर्शी तरीके से किया जा रहा है।
इस वर्ष धान खरीद में कितने किसानों ने भाग लिया?
2025-26 में धान खरीद के लिए अब तक 4,09,444 किसान सीधे जुड़े हैं।
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