क्या यूपी, गुजरात और तेलंगाना में एटीएस की कार्रवाई में आईएसकेपी आतंकियों का पाकिस्तान से कनेक्शन है?
सारांश
Key Takeaways
- आईएसकेपी मॉड्यूल के आतंकियों का पाकिस्तान से जुड़ाव।
- डिजिटल सबूत के माध्यम से आतंकियों की योजनाओं का खुलासा।
- पाकिस्तानी एजेंटों से फंडिंग और हथियार की सप्लाई का सिलसिला।
- तीन राज्यों की एटीएस की संयुक्त कार्रवाई।
- आतंकवाद का खतरा अभी भी मौजूद है।
लखनऊ, 21 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश, गुजरात और तेलंगाना की एटीएस द्वारा किए गए संयुक्त अभियान में आईएसकेपी (इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रांत) के तीन आतंकियों के कबूलनामे ने कई चौंकाने वाले तथ्य उजागर किए हैं। इनकी कड़ियाँ सीधे पाकिस्तान से जुड़ती प्रतीत होती हैं।
उत्तर प्रदेश के शामली जिले के निवासी आतंकी मोहम्मद सुहैल के घर पर यूपी एटीएस की छापेमारी के दौरान आईएसआईएस का काला झंडा बरामद हुआ। वहीं, हैदराबाद में डॉक्टर मोहम्मद इस्हाक उर्फ डॉ. अहमद के निवास से डिजिटल सबूत हासिल हुए हैं, जिसमें उसने आईएसकेपी के प्रमुख अबू खलीजा को “बाया” (कसम) दी थी कि वह “भारत में एक बड़ा काम करेगा”।
जांच में यह भी पता चला है कि दो महीने पहले सुहैल और तीसरा आतंकी आजाद मिलकर डॉ. अहमद के पास एक पार्सल लेकर गए थे। उस पार्सल में डेढ़ लाख रुपये नकद थे, जो एक पाकिस्तानी एजेंट के निर्देश पर भेजे गए थे। दूसरा पार्सल भी इन्हीं दोनों ने दिया था, जिसमें हथियार थे। गुजरात एटीएस ने इसी आधार पर डॉ. अहमद को गिरफ्तार किया और फिर सुहैल व आजाद तक पहुंची।
पाकिस्तानी एजेंट से मिली रकम का स्रोत जानने के लिए जांच तेज कर दी गई है। डॉ. अहमद के बारे में यह भी खुलासा हुआ है कि डॉक्टरी की पढ़ाई पूरी करने के बाद वह तेजी से कट्टरपंथी बन गया। शादी के केवल दो महीने बाद उसकी पत्नी ने उसकी सोच को जानकर उसे छोड़ दिया। उसकी बहन भी डॉक्टर है।
तीसरे आतंकवादी आजाद (उत्तर प्रदेश का निवासी) ने पूछताछ में स्वीकार किया कि वह किसी बड़ी आतंकी घटना को अंजाम देने के इरादे से कश्मीर के बारामूला गया था। वहां कुछ न मिलने पर निराश होकर लौटा। वापसी में ट्रेन में एक व्यक्ति से मिला और उसके साथ हरिद्वार पहुंच गया। वहां उसने कई मंदिरों की रेकी की थी।
तीनों राज्यों की एटीएस अब इस पूरे नेटवर्क से जुड़े हर व्यक्ति की तलाश में जुटी हुई है। जांच एजेंसियों का मानना है कि पाकिस्तान से फंडिंग और हथियारों की सप्लाई का यह सिलसिला अभी और गहरा हो सकता है।