क्या यूपी सरकार गन्ने की 243 सर्वोत्तम किस्में विकसित कर किसानों को संपन्न बना रही है?

सारांश
Key Takeaways
- गन्ना किसानों के लिए 243 नई किस्मों का विकास
- जलवायु के अनुकूल और रोग प्रतिरोधी किस्में
- प्रजनक बीज नर्सरी का लाभ
- कृषि में तकनीकी सहायता का महत्व
- योगी सरकार की योजनाएं किसानों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में
लखनऊ, 22 जून (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश में गन्ना किसानों को समृद्ध बनाने के लिए योगी सरकार की नीतियां लगातार प्रभावी सिद्ध हो रही हैं। राज्य में गन्ने की अधिक उत्पादक और लाभदायक किस्में विकसित कर कृषि को लाभ का सौदा बनाया जा रहा है।
उत्तर प्रदेश गन्ना शोध परिषद द्वारा जलवायु के अनुकूल और रोग प्रतिरोधी किस्में विकसित करने से किसानों की आमदनी में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर गन्ना समितियों को और सशक्त बनाया जा रहा है, ताकि किसानों को हर स्तर पर तकनीकी सहायता प्राप्त हो सके।
प्रदेश में 10 वर्षों में गन्ने की जलवायु आधारित किस्मों का विकास किया गया है। यहां 59 प्रमुख किस्में उगाई जा रही हैं। इनमें से 28 अगेती और 31 मध्य पछेती किस्में वर्तमान में काफी सफलतापूर्वक प्रयोग की जा रही हैं। यह प्रयास किसानों को बेहतर उपज और लाभ देने में सहायक सिद्ध हो रहे हैं।
अब तक 243 उत्कृष्ट किस्में विकसित की जा चुकी हैं। ये किस्में गन्ना उद्योग के अनुरूप अत्यंत उपयोगी सिद्ध हुई हैं। ये प्रजातियां न केवल उत्पादन बढ़ाने में कारगर हैं बल्कि इनमें से शुगर रिकवरी भी बेहतर होती है।
267 हेक्टेयर क्षेत्र में तैयार की गई प्रजनक बीज नर्सरी गन्ना किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है। नर्सरी के माध्यम से किसानों को प्रमाणित और रोग रहित बीज उपलब्ध कराया जा रहा है, जिससे फसल की गुणवत्ता में सुधार हो रहा है।
नवाचार के तहत विकसित की गई गन्ने की नई किस्में रोग प्रतिरोधक क्षमता से युक्त हैं। इससे फसल को नुकसान पहुंचाने वाले कीट और बीमारियों का प्रभाव कम हुआ है, जिससे उत्पादन लागत घटकर मुनाफा बढ़ा है। इसका सीधा लाभ प्रदेश के लाखों गन्ना किसानों को मिल रहा है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में गन्ना समितियों को अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाया जा रहा है। किसानों को समय पर भुगतान, बीज, उर्वरक, प्रशिक्षण और तकनीकी सहायता उपलब्ध कराने में समितियों की भूमिका को मजबूत किया जा रहा है। इससे प्रदेश के किसानों को अधिकतम लाभ प्राप्त होगा।