क्या यूपी सरकार की रोडमैप 'रफ्तार' से शहरों में विश्वस्तरीय कनेक्टिविटी आसान होगी?
सारांश
Key Takeaways
- हाई-स्पीड परिवहन नेटवर्क का विकास
- रीजनल ट्रांसपोर्ट सिस्टम को सुदृढ़ करना
- अंतिम मील कनेक्टिविटी पर जोर
- औद्योगिक क्षेत्रों के लिए बेहतर कनेक्टिविटी
- आर्थिक विकास को बढ़ावा देने की दिशा में ठोस कदम
लखनऊ, 16 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश को 'उत्तम प्रदेश' बनाने के प्रति दृढ़ संकल्पित मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार विजन-2047 के लक्ष्यों को मुकाम तक पहुँचाने के लिए प्रदेश की परिवहन व्यवस्था को आधुनिक और सशक्त करने पर निरंतर प्रयासरत है।
सरकार के 'विकसित उत्तर प्रदेश' की सोच के अंतर्गत, क्षेत्रीय आवागमन संपर्क की अवसंरचनाओं को मजबूती देने के साथ-साथ अंतिम मील कनेक्टिविटी को सुनिश्चित करने पर ज़ोर दिया जा रहा है ताकि प्रदेश के शहरों, कस्बों और औद्योगिक क्षेत्रों को तेज और सुरक्षित परिवहन सुविधा प्राप्त हो सके।
प्रदेश सरकार एक विस्तृत योजना के तहत हाई-स्पीड परिवहन नेटवर्क विकसित कर रही है। इसमें प्रमुख शहरों और आर्थिक केंद्रों को जोड़ने के लिए हाई-स्पीड रेल नेटवर्क का निर्माण शामिल है। भविष्य की आवश्यकताओं के अनुसार इसे प्रदेश में एक हजार किलोमीटर से अधिक क्षेत्र में स्थापित करने की कार्ययोजना बनाई जा रही है। इस नेटवर्क की स्थापना से न केवल यात्रा का समय कम होगा, बल्कि लोगों की आवाजाही भी सुगम होगी और आर्थिक गतिविधियों को नई गति मिलेगी।
प्रदेश के नगरीय क्षेत्र के विकास के लिए जो योजना बनाई जा रही है, उसमें रीजनल ट्रांसपोर्ट सिस्टम को सुदृढ़ करना भी शामिल है। इसके तहत लगभग 1,500 किलोमीटर क्षेत्र में परिवहन नेटवर्क के विकास पर ध्यान दिया जा रहा है। साथ ही, विभिन्न ऑर्बिटल कॉरिडोर्स के निर्माण के लिए कार्ययोजना तैयार की जा रही है, जिससे शहरों के बीच कनेक्टिविटी बढ़ाई जा सके। ये कॉरिडोर औद्योगिक क्षेत्रों और नगरीय केंद्रों को जोड़कर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करेंगे।
इसी क्रम में, इंटरसिटी हाइपरलूप, प्रमुख शहरों में मेट्रो रेल परियोजनाओं का विस्तार और वॉटर मेट्रो नेटवर्क को बढ़ाने पर भी ध्यान दिया जा रहा है।
बेहतर रीजनल कनेक्टिविटी प्रदेश में व्यापार और उद्योग को नई दिशा देने में सहायक होगी। विभिन्न कॉरिडोर और परिवहन नेटवर्क के विकास से उद्योगों को कच्चे माल, बाजार और श्रम शक्ति तक सुगमता से पहुँच मिलेगी। इससे प्रदेश में निवेश को बढ़ावा मिलेगा और नए रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे। योगी आदित्यनाथ सरकार का मानना है कि सशक्त परिवहन अवसंरचना आर्थिक विकास की रीढ़ होती है। इस दिशा में कार्ययोजना का निर्माण किया जा रहा है।
प्रदेश सरकार की रणनीति केवल बड़े परिवहन नेटवर्क तक सीमित नहीं है, बल्कि आम नागरिकों की दैनिक आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए अंतिम मील कनेक्टिविटी को प्रमुखता दी जा रही है। रीजनल परिवहन प्रणालियों को शहरी और अर्ध-शहरी क्षेत्रों से जोड़ने के लिए परिवहन साधनों के विकास पर जोर दिया जा रहा है ताकि लोग निर्बाध रूप से घर से कार्यस्थल, बाजार और अन्य आवश्यक सेवाओं तक पहुँच सकें।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का स्पष्ट दृष्टिकोण है कि एक मजबूत, सुरक्षित और आधुनिक परिवहन व्यवस्था के बिना प्रदेश का समग्र विकास संभव नहीं है। विजन-2047 को ध्यान में रखते हुए, रीजनल कनेक्टिविटी के साथ-साथ अंतिम मील कनेक्टिविटी को एकीकृत तरीके से विकसित करने का कार्य जारी है। इन प्रयासों से उत्तर प्रदेश को न केवल राष्ट्रीय स्तर पर बल्कि वैश्विक मानचित्र पर एक सशक्त और विकसित राज्य के रूप में स्थापित किया जा रहा है।