क्या आज यूपी विधानमंडल का सत्र शुरू हो रहा है? विपक्ष ने घेरने की तैयारी की है

सारांश
Key Takeaways
- विधानमंडल सत्र का आरंभ आज से।
- 24 घंटे चर्चा का मुख्य विषय ‘विकसित भारत-विकसित उत्तर प्रदेश-2047’ है।
- विपक्ष ने कई मुद्दों को उठाने की योजना बनाई है।
- सदन में सार्वजनिक मुद्दों पर चर्चा की जाएगी।
- सभी दलों के नेताओं से सहयोग का आग्रह किया गया है।
लखनऊ, 11 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश में आज से विधानमंडल सत्र का आरंभ हो रहा है। सदन में इस बार भी हंगामे की संभावना अधिक है। इस बार ‘विकसित भारत-विकसित उत्तर प्रदेश-2047’ विजन डॉक्यूमेंट पर 13 अगस्त से 24 घंटे तक निरंतर चर्चा की जाने वाली है।
विपक्ष ने मतदान में गड़बड़ी समेत कई मुद्दों को उठाकर सत्ता पक्ष को घेरने की योजना बनाई है। विधानसभा का मानसून सत्र आज से शुरू हो रहा है। इस बार सदन कई महत्वपूर्ण विषयों पर आगे बढ़ रहा है। सत्र के पहले दिन औपचारिक कार्यों, जैसे कि अध्यादेशों, अधिसूचनाओं और विधेयकों के प्रस्तुतीकरण पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
इसके बाद 12 से 14 अगस्त तक विधायी कार्यों और चर्चाओं पर जोर दिया जाएगा। इस सत्र की सबसे खास बात 13 से 14 अगस्त को 24 घंटे से अधिक समय तक सदन में चर्चा होगी, जिसमें ‘विकसित भारत-विकसित उत्तर प्रदेश-2047’ विजन डॉक्यूमेंट पर विचार-विमर्श होगा। समाजवादी पार्टी (सपा) ने सरकारी स्कूलों के विलय, कानून-व्यवस्था और बाढ़ जैसे मुद्दों पर सरकार से जवाब मांगने की बात कही है।
वहीं, सत्तारूढ़ दल भी विपक्ष की हर बात के जवाब देने के लिए पूरी तरह तैयार है।
उत्तर प्रदेश विधान सभा के अध्यक्ष सतीश महाना ने 18वीं विधान सभा (2025) के द्वितीय सत्र को सुचारू, मर्यादित और रचनात्मक ढंग से संचालित करने के लिए सभी दलों के नेताओं से सहयोग का अनुरोध किया। उन्होंने सभी नेताओं से अपील की कि वे अपने विचार शालीनता और संसदीय मर्यादा के दायरे में रखें और आपसी सम्मान एवं सौहार्दपूर्ण वातावरण में बहस करें।
उन्होंने विश्वासविजन डॉक्यूमेंट’ जैसी पहल सदन के लिए मील का पत्थर साबित होंगी।
मुख्यमंत्री एवं नेता सदन योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सदन में जनता से जुड़े मुद्दों पर सार्थक चर्चा होना आवश्यक है, क्योंकि जनता की भावनाओं को सर्वोत्तम रूप से जनप्रतिनिधि ही सदन में रख सकते हैं।