क्या उपराष्ट्रपति ने अटल बिहारी वाजपेयी को आधुनिक, आत्मविश्वासी भारत का निर्माता बताया?
सारांश
Key Takeaways
- अटल बिहारी वाजपेयी का जीवन सेवा और जिम्मेदारी का प्रतीक है।
- उपराष्ट्रपति ने उनके द्वारा स्थापित योजनाओं का उल्लेख किया।
- वाजपेयी जी की दूरदृष्टि आज भी प्रासंगिक है।
- वह संवाद और समावेशी विकास में विश्वास रखते थे।
- इंदौर को स्वच्छता में सम्मानित किया गया।
इंदौर, 21 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन ने रविवार को मध्य प्रदेश के इंदौर में भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की जन्म शताब्दी समारोह में भाग लिया। इस कार्यक्रम का आयोजन अटल फाउंडेशन द्वारा किया गया था।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि यद्यपि सभी मनुष्य जन्म से समान होते हैं, फिर भी महानता केवल कर्मों से प्राप्त होती है। अटल बिहारी वाजपेयी कोई साधारण व्यक्ति नहीं थे, बल्कि एक मिशन थे, जो सिद्धांतों और मूल्यों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता में हमेशा अडिग रहे। उन्हें एक राजनेता, प्रशासक, सांसद, कवि और सबसे महत्वपूर्ण, एक महान इंसान के रूप में याद किया जाता है।
उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन ने कहा कि वाजपेयी जी संवाद, समावेशी विकास और सशक्त शासन में गहरी आस्था रखते थे। उन्होंने गरिमा और शालीनता के साथ सार्वजनिक चर्चा को ऊंचाई पर पहुंचाया, और यह सिद्ध किया कि राजनीति सिद्धांतवादी और करुणामय हो सकती है।
उन्होंने आगे कहा कि इसीलिए वाजपेयी जी की जयंती को सुशासन दिवस के रूप में मनाया जाता है।
उपराष्ट्रपति ने व्यक्तिगत यादें साझा करते हुए कहा कि वाजपेयी जी संसद सदस्यों के लिए हमेशा सुलभ थे और राष्ट्र निर्माण के लिए सभी पक्षों से सुझावों के लिए खुले रहते थे। उन्होंने प्रधानमंत्री के रूप में वाजपेयी जी के कार्यकाल के दौरान झारखंड, छत्तीसगढ़ और उत्तराखंड जैसे राज्यों के गठन का उल्लेख करते हुए इसे शासन में सुधार लाने के लिए एक दूरदर्शी कदम बताया।
उपराष्ट्रपति ने वाजपेयी जी के राष्ट्र निर्माता के रूप में योगदान पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना और स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना जैसी ऐतिहासिक पहलों का उल्लेख किया।
1998 के पोखरण परमाणु परीक्षणों का जिक्र करते हुए, उपराष्ट्रपति ने कहा कि वाजपेयी जी के नेतृत्व में भारत एक आत्मविश्वासी और आत्मनिर्भर राष्ट्र के रूप में मजबूती से स्थापित हुआ।
उन्होंने कहा कि वाजपेयी जी की दूरदृष्टि को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आगे बढ़ाया जा रहा है, जो देश को 2047 तक 'विकसित भारत' के लक्ष्य की ओर ले जा रहे हैं।
उपराष्ट्रपति ने वाजपेयी जी के तमिलनाडु के साथ गहरे जुड़ाव को याद किया और भाषाई विविधता, सांस्कृतिक बहुलता और संवाद के प्रति उनके सम्मान का उल्लेख किया, जिसके कारण उन्हें राजनीतिक और वैचारिक मतभेदों से परे प्रशंसा प्राप्त हुई।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि उनका जीवन देश को याद दिलाता है कि नेतृत्व केवल अधिकार के बारे में नहीं है, बल्कि सेवा, जिम्मेदारी और जनता के प्रति प्रतिबद्धता के बारे में है।
उपराष्ट्रपति ने डेली कॉलेज परिसर में देवी अहिल्याबाई होल्कर की प्रतिमा का अनावरण भी किया।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि अहिल्याबाई होल्कर की प्रतिमा के उद्घाटन समारोह का हिस्सा बनकर उन्हें गर्व महसूस हो रहा है। उन्होंने अहिल्याबाई होल्कर को एक दूरदर्शी शासक बताया, जिन्होंने निस्वार्थ भाव से अपना जीवन जनता के कल्याण और समृद्धि के लिए समर्पित कर दिया।
इस दौरान उन्होंने इंदौर को देश के सबसे स्वच्छ शहर के रूप में लगातार स्थान पाने पर बधाई दी और इसे सामूहिक नागरिक जिम्मेदारी का प्रतीक बताया।