क्या उत्तर प्रदेश की सरकार दिव्यांग बेटियों को सशक्त बनाएगी?

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क्या उत्तर प्रदेश की सरकार दिव्यांग बेटियों को सशक्त बनाएगी?

सारांश

उत्तर प्रदेश में दिव्यांग बेटियों के लिए एक नई योजना आई है, जो उन्हें शिक्षा और आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर करेगी। 26,215 छात्राओं को 200 रुपये प्रतिमाह वृत्तिका दिया जाएगा, जिससे उनके सपनों को साकार करने में मदद मिलेगी। यह योजना पूरी तरह से डिजिटल और पारदर्शी होगी।

Key Takeaways

  • दिव्यांग बेटियों के लिए शिक्षा का अधिकार सुनिश्चित करना।
  • छात्राओं को 200 रुपये प्रतिमाह वृत्तिका प्रदान करना।
  • 10 माह तक आर्थिक सहायता उपलब्ध कराना।
  • सहायता का सीधा भुगतान माता-पिता के खातों में।
  • डिजिटल और पारदर्शी प्रक्रिया के माध्यम से योजना का कार्यान्वयन।

लखनऊ, 28 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश में दिव्यांग बेटियों को सशक्त बनाने के लिए सरकार ने 26,215 छात्राओं को समग्र शिक्षा अभियान के अंतर्गत प्रति माह 200 रुपये की दर से अधिकतम 10 माह तक वृत्तिका प्रदान करने हेतु 5.24 करोड़ रुपये की धनराशि स्वीकृत की है। यह निर्णय भारत सरकार के प्रोजेक्ट अप्रूवल बोर्ड की नौ अप्रैल, 2025 की बैठक में अनुमोदित हुआ था, जिसके अंतर्गत योगी सरकार ने इसका त्वरित क्रियान्वयन सुनिश्चित किया है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कई बार स्पष्ट किया है कि हर बालिका को शिक्षा का अधिकार है और प्रत्येक दिव्यांग छात्रा को गरिमा के साथ आगे बढ़ने का अवसर देना सरकार की नैतिक जिम्मेदारी है। इस योजना को डी.बी.टी. के माध्यम से लागू किया जाएगा, जिससे सहायता सीधे लाभार्थियों तक पहुंचेगी। सभी धनराशि छात्राओं के माता-पिता या अभिभावकों के बैंक खातों में भेजी जाएगी।

इस योजना के अंतर्गत प्राथमिक, उच्च प्राथमिक एवं कम्पोजिट विद्यालयों में कक्षा 1 से 8 तक अध्ययनरत वे छात्राएं पात्र होंगी जिनके पास किसी सक्षम चिकित्सा बोर्ड द्वारा जारी न्यूनतम 40 फीसदी दिव्यांगता प्रमाण-पत्र होगा।

यह प्रक्रिया प्रेरणा, समर्थ एवं पीएफएमएस पोर्टलों के माध्यम से पूर्णतः डिजिटल, पारदर्शी और सत्यापित तकनीकी प्रणाली के तहत संचालित होगी। योजना से संबंधित सभी व्यय मैनुअल-2024 के वित्तीय नियमों और क्रय निर्देशों के अनुसार किया जाएगा।

हर जनपद में पात्रता की जांच और सत्यापन हेतु जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी की अध्यक्षता में चार सदस्यीय समिति गठित की गई है, जिसमें वित्तीय और शैक्षिक अधिकारी सम्मिलित होंगे। यह समिति लाभार्थियों की अंतिम सूची को तैयार कर, डिजिटल सत्यापन के उपरांत पीएफएमसी पोर्टल पर अपलोड करेगी।

बेसिक शिक्षा के राज्यमंत्री संदीप सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता बेटियों की शिक्षा और सशक्तीकरण है। यह वृत्तिका उन दिव्यांग बेटियों के लिए एक मजबूत सहारा बनेगी, जिनके सपने उनके शारीरिक हालात से कहीं बड़े हैं। यह केवल आर्थिक सहायता नहीं, बल्कि शिक्षा में समान अवसर, गरिमा और संवेदनशील शासन व्यवस्था का परिचायक है।

Point of View

यह देखना महत्वपूर्ण है कि सरकारें शिक्षा और सशक्तिकरण के माध्यम से किस तरह सामाजिक न्याय को बढ़ावा दे रही हैं। उत्तर प्रदेश की यह पहल दिव्यांग बेटियों के लिए एक उज्ज्वल भविष्य की ओर एक कदम है।
NationPress
04/08/2025

Frequently Asked Questions

इस योजना का उद्देश्य क्या है?
इस योजना का उद्देश्य दिव्यांग बेटियों को शिक्षा और सशक्तिकरण के माध्यम से आत्मनिर्भर बनाना है।
कितनी छात्राओं को इस योजना का लाभ मिलेगा?
इस योजना के अंतर्गत कुल 26,215 दिव्यांग छात्राएं लाभान्वित होंगी।
वृत्तिका कितने समय तक दी जाएगी?
छात्राओं को अधिकतम 10 माह तक प्रतिमाह 200 रुपये की वृत्तिका दी जाएगी।
इस योजना का भुगतान किस प्रकार होगा?
सभी धनराशि लाभार्थियों के बैंक खातों में सीधे भेजी जाएगी।
क्या यह योजना पूरी तरह से डिजिटल है?
हाँ, यह योजना प्रेरणा, समर्थ और पीएफएमएस पोर्टल के माध्यम से पूरी तरह से डिजिटल और पारदर्शी है।