क्या उत्तराखंड का योगदान देश की आध्यात्मिक-सांस्कृतिक यात्रा में अतुलनीय है?

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क्या उत्तराखंड का योगदान देश की आध्यात्मिक-सांस्कृतिक यात्रा में अतुलनीय है?

सारांश

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उत्तराखंड के 25वें स्थापना दिवस पर कहा कि राज्य का योगदान देश की आध्यात्मिक-सांस्कृतिक यात्रा में अतुलनीय है। उत्तराखंड के विकास और संस्कृति की महत्ता पर उनके विचार और अनिल बलूनी की टिप्पणियाँ इस अद्भुत भूमि की पहचान को स्पष्ट करती हैं।

Key Takeaways

  • उत्तराखंड की संस्कृति और परंपरा का योगदान अनमोल है।
  • राष्ट्रपति मुर्मू ने विकास की प्रशंसा की।
  • प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में राज्य विकास की दिशा में अग्रसर है।
  • स्थानीय जनों की मेहनत का फल साफ दिख रहा है।
  • संस्कृति का संरक्षण आवश्यक है।

नई दिल्ली, 9 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तराखंड के 25वें स्थापना दिवस पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सभी को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि देश की गौरवशाली आध्यात्मिक-सांस्कृतिक यात्रा में उत्तराखंड का योगदान अतुलनीय रहा है।

राष्ट्रपति मुर्मू ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “राज्य स्थापना की रजत जयंती के इस ऐतिहासिक अवसर पर, वीर-प्रसवा देव-भूमि उत्तराखंड के सभी निवासियों को मैं हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई देती हूं। हमारे देश की गौरवशाली आध्यात्मिक-सांस्कृतिक यात्रा में उत्तराखंड का स्थान अद्वितीय है। पिछले 25 वर्षों में राज्य के मेहनती और विनम्र जनों ने आधुनिक विकास के नए आयाम स्थापित किए हैं। मैं उत्तराखंड के सभी निवासियों के उज्ज्वल भविष्य की कामना करती हूं।”

भाजपा सांसद अनिल बलूनी ने एक्स पर लिखा, "आज का दिन उत्तराखंड के गौरवशाली इतिहास, संघर्षशील जनआंदोलन और हमारे आंदोलनकारियों के अदम्य साहस को नमन करने का दिन है। उन असंख्य वीरों, माताओं-बहनों और युवाओं के बलिदान के कारण ही आज हम देवभूमि उत्तराखंड के स्वतंत्र अस्तित्व का उत्सव मना रहे हैं। उत्तराखंड की आत्मा उसकी संस्कृति, परंपरा और प्रकृति में बसती है। यह भूमि जहां एक ओर हिमालय की पवित्रता और गंगा-यमुना की निर्मलता का प्रतीक है, वहीं दूसरी ओर यह देश की सीमाओं की प्रहरी भी है।"

उन्होंने लिखा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में उत्तराखंड विकास की नई ऊंचाइयों की ओर बढ़ रहा है। चारधाम ऑलवेदर रोड, रेल संपर्क, सीमांत क्षेत्रों का पुनर्निर्माण, पर्यटन, स्वास्थ्य, शिक्षा और रोजगार के क्षेत्र में हो रहा अभूतपूर्व परिवर्तन हमारे संकल्प को और मजबूत करता है। हमारा लक्ष्य है एक ऐसा विकसित, आत्मनिर्भर और समृद्ध उत्तराखंड बनाना जो अपनी संस्कृति पर गर्व करे, युवाओं को अवसर दे, सीमांत क्षेत्रों को सशक्त बनाए और हर परिवार तक विकास की रोशनी पहुंचाए। राज्य आंदोलन की भावना को जीवित रखते हुए आइए हम सब मिलकर उस उत्तराखंड का निर्माण करें, जिसका सपना हमारे पूर्वजों ने देखा था। जहां संघर्ष की भावना, संस्कृति का गौरव और विकास का संकल्प साथ-साथ चले।"

उत्तराखंड सरकार में मंत्री रेखा आर्या ने पोस्ट किया, "देवभूमि की रजत जयंती के शुभ अवसर पर पीएम मोदी का उत्तराखंड में आगमन पर हार्दिक स्वागत एवं अभिनंदन। पीएम मोदी के आगमन से उत्तराखंड राज्य स्थापना का रजत जयंती उत्सव और भी दिव्य, भव्य और अविस्मरणीय होगा।"

Point of View

उत्तराखंड का यह स्थापना दिवस न केवल एक उत्सव है, बल्कि यह उस संघर्ष और संस्कृति का प्रतीक है जो हमारे पूर्वजों ने हमें विरासत में दी है। यहां की संस्कृति और विकास की कहानी देश को प्रेरित करती है।
NationPress
09/11/2025

Frequently Asked Questions

उत्तराखंड का स्थापना दिवस कब मनाया जाता है?
उत्तराखंड का स्थापना दिवस हर साल 9 नवंबर को मनाया जाता है।
उत्तराखंड का मुख्य योगदान क्या है?
उत्तराखंड का मुख्य योगदान देश की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक धरोहर को समृद्ध करना है।