क्या उत्तराखंड की 671 सहकारी समितियों का हुआ कंप्यूटरीकरण? : सीएम धामी

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क्या उत्तराखंड की 671 सहकारी समितियों का हुआ कंप्यूटरीकरण? : सीएम धामी

सारांश

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने टनकपुर में सहकारिता मेले का शुभारंभ करते हुए बताया कि प्रदेश की 671 सहकारी समितियों का कंप्यूटरीकरण पूरा हो चुका है। इस पहल से स्थानीय उत्पादकों और महिलाओं को स्वरोजगार के अवसर मिल रहे हैं।

Key Takeaways

  • 671 सहकारी समितियों का कंप्यूटरीकरण पूरा।
  • महिला उद्यमिता और स्वरोजगार को प्रोत्साहन।
  • सस्ती दवाइयां उपलब्ध कराने वाली 24 समितियों का संचालन।
  • सहकारिता मेले का आयोजन सभी 13 जिलों में।
  • सरदार पटेल की जयंती पर एकता पदयात्रा आयोजित।

टनकपुर, १३ नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को टनकपुर चंपावत में अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष के अवसर पर आयोजित जनपद स्तरीय सहकारिता मेले का शुभारंभ किया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह के कुशल नेतृत्व में सहकारिता आज एक सशक्त राष्ट्रीय आंदोलन बन चुकी है। इसी उद्देश्य से भारत में पहली बार सहकारिता के लिए एक अलग प्रशासनिक, कानूनी और नीतिगत ढांचा तैयार किया गया है।

उन्होंने बताया कि वर्तमान में प्रदेश की 671 सहकारी समितियों का कंप्यूटरीकरण पूरा हो चुका है और राज्य की २४ समितियां जन औषधि केंद्र के रूप में कार्यरत हैं, जिससे ग्रामीण जनता को सस्ती और गुणवत्तापूर्ण दवाइयां मिल रही हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में सहकारिता को बढ़ावा देने के लिए तेजी से प्रयास किए जा रहे हैं। सभी १३ जिलों में सहकारिता मेलों का आयोजन किया जा रहा है, जिससे विभिन्न उत्पादकों, स्वयं सहायता समूहों, किसानों, फल उत्पादकों, स्थानीय उत्पाद निर्माताओं और महिला समूहों को सहकारिता के माध्यम से एक मंच मिल रहा है।

सीएम धामी ने बताया कि सहकारी समितियों के माध्यम से महिला उद्यमिता, स्वरोजगार और स्थानीय उत्पादों के संवर्धन को भी निरंतर प्रोत्साहन मिल रहा है। सहकारिता विभाग द्वारा विभिन्न सहकारी योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है। इस अवसर पर भाजपा चम्पावत जिलाध्यक्ष गोविंद सामंत और जिला पंचायत अध्यक्ष आनंद सिंह अधिकारी भी उपस्थित रहे।

इसके अलावा, उन्होंने टनकपुर, चम्पावत में लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की १५०वीं जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित ‘एकता पदयात्रा’ में हजारों स्थानीय लोगों के साथ भाग लिया। इस अवसर पर सभी को ‘नशा मुक्त भारत निर्माण’ का सामूहिक संकल्प दिलाया। क्षेत्रवासियों द्वारा मिले अपार प्रेम और उत्साह से उनका हृदय अभिभूत है।

उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, "सरदार वल्लभभाई पटेल ने अपने अदम्य साहस, दूरदर्शिता और लौह इच्छाशक्ति के बल पर कई रियासतों का भारत में सफलतापूर्वक विलय कराया। विभाजित भारत को एक सूत्र में पिरोने का उनका यह ऐतिहासिक योगदान राष्ट्र की एकता, अखंडता और संप्रभुता की मजबूत नींव बनकर आज भी हमें प्रेरित करता है। देश की सेवा में उनका समर्पण, कर्तव्यनिष्ठा और नेतृत्व सदैव अविस्मरणीय रहेगा।"

Point of View

उत्तराखंड की सहकारी समितियों का कंप्यूटरीकरण एक महत्वपूर्ण कदम है। यह न केवल ग्रामीण जनता को सस्ती दवाइयां उपलब्ध कराता है, बल्कि महिला उद्यमिता और स्वरोजगार को भी प्रोत्साहित करता है। इस प्रकार की पहलें देश के विकास में सहकारिता की भूमिका को और मजबूत करती हैं।
NationPress
13/11/2025

Frequently Asked Questions

उत्तराखंड की सहकारी समितियों का कंप्यूटरीकरण क्यों किया गया?
सहकारी समितियों का कंप्यूटरीकरण ग्रामीण जनता को बेहतर सेवाएं और सस्ती दवाइयां उपलब्ध कराने के लिए किया गया है।
कितनी सहकारी समितियों का कंप्यूटरीकरण हो चुका है?
671 सहकारी समितियों का कंप्यूटरीकरण पूरा हो चुका है।
इस मेले का मुख्य उद्देश्य क्या है?
इस मेले का उद्देश्य किसानों, उत्पादकों और महिला समूहों को सहकारिता के माध्यम से एक मंच प्रदान करना है।
सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती पर क्या कार्यक्रम आयोजित किया गया?
टनकपुर में 'एकता पदयात्रा' आयोजित की गई, जिसमें स्थानीय लोगों ने भाग लिया।
सहकारी समितियों का क्या लाभ है?
सहकारी समितियां स्थानीय उत्पादकों और महिलाओं को स्वरोजगार और उद्यमिता के अवसर देती हैं।