क्या उत्तराखंड पंचायत चुनाव में नैनीताल के 1391 प्रत्याशियों की किस्मत दांव पर है?

सारांश
Key Takeaways
- उत्तराखंड पंचायत चुनाव का अंतिम चरण चल रहा है।
- नैनीताल जिले में 1391 प्रत्याशी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।
- मतदाता बुनियादी सुविधाओं के लिए नेताओं का चयन कर रहे हैं।
- जिला प्रशासन ने शांतिपूर्ण मतदान के लिए बेहतर व्यवस्था की है।
- मतदाता विकास के मुद्दों पर ध्यान देने वाले नेताओं की तलाश में हैं।
हल्द्वानी, 28 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। उत्तराखंड में पंचायत चुनाव का दूसरा और अंतिम चरण का मतदान आज हो रहा है। नैनीताल जिले के चार विकासखंडों - हल्द्वानी, भीमताल, रामनगर और कोटाबाग में मतदाता सुबह से ही मतदान केंद्रों पर पहुंचने लगे हैं। जिला प्रशासन और पुलिस द्वारा शांतिपूर्ण और निष्पक्ष मतदान के लिए पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।
नैनीताल जिले में कुल 2,89,885 मतदाता 1391 प्रत्याशियों की किस्मत का फैसला करेंगे। इनमें 1,40,911 महिला और 1,48,910 पुरुष मतदाता शामिल हैं। चारों विकासखंडों में 522 मतदान केंद्र स्थापित किए गए हैं, जहाँ भारी सुरक्षा के बीच वोटिंग का कार्य चल रहा है। निष्पक्ष मतदान सुनिश्चित करने के लिए 43 सेक्टर मजिस्ट्रेट और 13 जोनल मजिस्ट्रेट तैनात किए गए हैं।
मतदाताओं में गांव की सरकार चुनने को लेकर विशेष उत्साह देखा जा रहा है। मतदाता गंगा पांडे ने बातचीत में कहा, “हम एक ऐसे नेता की तलाश में हैं जो गांव के मुद्दों को उजागर करे और विकास कार्यों को तेजी से पूरा करे। कई कार्य अभी अधूरे हैं, जिन्हें जल्द पूरा करना आवश्यक है। गांव में बुनियादी सुविधाओं का कोई अभाव नहीं होना चाहिए। हम चाहते हैं कि हमारे बीच एक ऐसा नेता चुना जाए, जो हमारे हितों को प्राथमिकता दे।”
वहीं, मतदाता गोविंद सिंह राणा ने बताया, “हम सुबह 7 बजे से मतदान के लिए खड़े हैं। यहाँ की व्यवस्था बहुत अच्छी है और किसी को कोई परेशानी नहीं हो रही। हम ऐसे नेता का चयन करना चाहते हैं जो हमारी आवश्यकताओं का ध्यान रखें और गांव के हित में कार्य करें। गांव में विकास कार्यों में तेजी लाने की आवश्यकता है।”
एक अन्य मतदाता ने कहा कि एक अच्छी ग्राम पंचायत गांव के विकास को गति प्रदान करेगी। लोग चाहते हैं कि उनके चुने हुए प्रतिनिधि गांव की समस्याओं का समाधान करें और बुनियादी सुविधाओं को सुधारें। वहीं, जिला प्रशासन ने मतदाताओं से शांतिपूर्ण तरीके से मतदान करने की अपील की है। यह चुनाव गांवों के भविष्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा, क्योंकि चुने गए प्रतिनिधि स्थानीय स्तर पर विकास और प्रशासन की जिम्मेदारी संभालेंगे।