क्या वाराणसी में गंगा का रौद्र रूप देखना चाहिए? घाट जलमग्न, प्रशासन ने किया लोगों को सचेत

सारांश
Key Takeaways
- गंगा का जल स्तर खतरनाक स्थिति में पहुँच चुका है।
- घाटों पर जलमग्नता बढ़ने के कारण प्रशासन ने सुरक्षा उपाय किए हैं।
- पारिवारिक और धार्मिक गतिविधियों पर प्रभाव पड़ा है।
- स्थानीय निवासियों और पर्यटकों में निराशा बढ़ी है।
- जल स्तर की निगरानी आवश्यक है।
वाराणसी, १७ जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर भारत में हो रही लगातार मूसलधार बारिश का असर मैदानी इलाकों में स्पष्ट रूप से नजर आ रहा है। धार्मिक नगरी काशी में मां गंगा का जल स्तर बढ़ गया है, जिसके कारण वाराणसी के प्रसिद्ध ८४ घाट जलमग्न हो गए हैं। कई घाट पूरी तरह से डूब चुके हैं, और घाटों के किनारे स्थित मंदिरों में भी पानी प्रवेश कर गया है।
विशेष रूप से अस्सी घाट, जो पर्यटकों के लिए एक प्रमुख आकर्षण रहा है, अब पूरी तरह से डूब चुका है। यहाँ हर सुबह होने वाले 'सुबहे बनारस' का मंच भी गंगा की लहरों में समा गया है।
स्थानीय प्रशासन ने गंगा के बढ़ते जल स्तर को देखते हुए लोगों को गहरे पानी में जाने से मना किया है। घाटों पर लगातार घोषणा की जा रही है और सभी प्रकार की नौकाओं के संचालन पर रोक लगा दी गई है। गंगा का जल स्तर वर्तमान में ६८.९४ मीटर पर पहुँच चुका है, जो चेतावनी निशान ७०.२६२ मीटर के करीब है।
खतरे का निशान ७१.२६२ मीटर है, और जल स्तर १ सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है। यदि यह गति बनी रही, तो निचले इलाकों में जलभराव हो सकता है, जिससे स्थानीय लोगों को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
स्थानीय निवासी राकेश पांडेय ने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से कहा, "पानी में बढ़ोतरी हुई है, लेकिन फिलहाल यह स्थिर है। कोई नहीं जानता कि पानी बढ़ेगा या घटेगा। पर्यटकों की संख्या कम हो गई है। लोग घाटों पर नहीं आ रहे हैं, बल्कि दूर से नजारा देखकर चले जा रहे हैं।"
उन्होंने यह भी बताया कि गंगा आरती की संख्या में कमी आई है। पहले ६ आरती होती थीं, फिर ३, और अब केवल १ या २ ही हो रही हैं।
ग्वालियर से आई पर्यटक शिवानी तोमर ने निराशा व्यक्त करते हुए कहा, "हम काशी घूमने आए थे, लेकिन घाटों पर पानी का तेज बहाव है। प्रशासन ने हमें पानी से दूर रहने को कहा है। स्थिति देखकर काफी निराशा हो रही है।"
स्थानीय निवासी हरिशंकर दुबे ने कहा, "पानी स्थिर है, लेकिन प्रशासन ने सुरक्षा के लिए पुख्ता इंतजाम किए हैं। एक रेखा खींची गई है, जिसे कोई पार न करे। लोगों को पानी से दूर रहने की सलाह दी जा रही है।"
ग्वालियर के विकास सिंह तोमर ने कहा, "घाटों पर इतना पानी भर गया है कि कुछ दिखाई नहीं दे रहा। पुलिस सुरक्षा के लिए मुस्तैद है और नावों का संचालन भी बंद कर दिया गया है। हमें नहीं पता था कि यहाँ ऐसी स्थिति होगी।"