क्या हिमाचल प्रदेश के विधायक आशीष शर्मा से विजिलेंस ने पूछताछ की?

सारांश
Key Takeaways
- आशीष शर्मा पर लगे आरोपों की गहन जांच की जा रही है।
- कांग्रेस सरकार पर झूठे मुकदमे का आरोप।
- जनता की आवाज लोकतंत्र में महत्वपूर्ण है।
हमीरपुर, ११ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। हिमाचल प्रदेश के निर्दलीय विधायक आशीष शर्मा से राज्य विजिलेंस एवं एंटी करप्शन ब्यूरो ने एक पुरानी जांच में पूछताछ की है। विधायक पर एक कंस्ट्रक्शन कंपनी के पंजीकरण दस्तावेजों में हेरफेर करने का आरोप लगाया गया है।
आशीष शर्मा ने कहा, "कांग्रेस सरकार राज्यसभा चुनावों में अपनी हार को सहन नहीं कर पा रही है और इसीलिए उन पर झूठे मुकदमे दर्ज करके उन्हें परेशान कर रही है। पिछले डेढ़ साल से बार-बार उन्हें इस मामले में पूछताछ के लिए बुलाया जा रहा है।"
उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें दबावदबाव की राजनीति करके और उनके परिवारों को बार-बार परेशान करके कोई डर जाएगा, ऐसा नहीं होगा। जनता की आवाज उठाने और भ्रष्टाचार का पर्दाफाश करने के लिए उन पर झूठे मुकदमे थोपे जा रहे हैं।
आशीष शर्मा ने कहा, "उपचुनाव में हमीरपुर की जनता ने मुख्यमंत्री को नकार दिया था और अब भी जनता सब कुछ देख और समझ रही है। सरकारें आती-जाती रहती हैं, लेकिन कांग्रेस जिस तरह की राजनीति कर रही है, वह बेहद निंदनीय है।"
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा हिमाचल प्रदेश को १५०० करोड़ रुपए की राहत राशि देने की घोषणा का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार को इन पैसों का सही तरीके से उपयोग करना चाहिए ताकि आपदा प्रभावित लोगों को जल्द से जल्द राहत मिल सके और विकास कार्य फिर से शुरू हो सके।
उन्होंने कहा कि जनता सब समझ रही है, समय पर इसका जवाब दिया जाएगा, मुझे कोई डर नहीं है, मैंने कोई गलत काम नहीं किया है। उपचुनाव में मुख्यमंत्री हार गए हैं, इस वजह से भी हमें परेशान किया जा रहा है। जनता का मत लोकतंत्र में सर्वोपरि होता है।
दरअसल, विधायक आशीष शर्मा पर आरोप है कि उन्होंने ठेकेदार प्रवीण कुमार शर्मा की मैसर्स झंडू कंस्ट्रक्शन कंपनी के लिए जाली वर्क डन सर्टिफिकेट (काम पूरा होने का प्रमाण पत्र) बनवाए थे। इन फर्जी दस्तावेजों के आधार पर ठेकेदार ने पीडब्ल्यूडी (लोक निर्माण विभाग) में अपनी श्रेणी 'बी' से 'ए' में बदलवा ली थी। विजिलेंस इसी मामले की जांच कर रही है।