क्या विपक्ष ने एसआईआर को वापस लेने की मांग की? मजबूती से लड़ेगा?

सारांश
Key Takeaways
- कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने सरकार पर हमला किया है।
- बिहार में ६२ लाख मतदाताओं के नाम हटाए गए हैं।
- विपक्ष ने एकजुट होकर एसआईआर का विरोध किया है।
- सदन की कार्यवाही को लेकर उम्मीदें जताई जा रही हैं।
- इस मुद्दे पर व्यापक चर्चा की आवश्यकता है।
नई दिल्ली, २५ जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। बिहार में चल रहे मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के संदर्भ में कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने सरकार पर तीखा हमला किया। उन्होंने कहा कि सरकार चर्चा के लिए तत्पर नहीं है और डरी हुई है।
कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने राष्ट्र प्रेस से संवाद करते हुए कहा, "हम चाहते हैं कि सदन की कार्यवाही चलती रहे और हमारी मांग है कि नेता विपक्ष को बोलने का अवसर दिया जाए। सरकार चर्चा के लिए तैयार नहीं है और डरी हुई है। उपराष्ट्रपति के इस्तीफे के बाद उन्हें यह समझ नहीं आ रहा कि उन्हें क्या करना चाहिए। प्रधानमंत्री खुद विदेश यात्रा पर हैं। हमें उम्मीद है कि जब वे लौटेंगे, तो कोई न कोई प्रस्ताव जरूर लाएंगे।"
उन्होंने आगे कहा, "आज इस सप्ताह का आखिरी दिन है, और मैं आशा करता हूं कि आज सदन की कार्यवाही होगी। हमारी मांग है कि विपक्ष के नेता को बोलने का मौका दिया जाए।"
कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने विशेष गहन पुनरीक्षण के बारे में कहा, "बिहार में ६२ लाख मतदाताओं के नाम हटा दिए गए हैं। यह निर्णय देश और गरीबों के साथ धोखा है। इसके खिलाफ हम लड़ाई जारी रखेंगे और राहुल गांधी के नेतृत्व में आवाज उठाते रहेंगे।"
कांग्रेस सांसद हिबी ईडन ने कहा, "यह सिर्फ कांग्रेस की नहीं, बल्कि पूरे विपक्ष की मांग है। हम मुद्दों पर आधारित विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। जब हम किसी अलग मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन करते हैं, तो हमारे सहयोगी हमारे साथ नहीं आते, लेकिन हमने इस मामले पर एकजुटता दिखाई है, जो एक महत्वपूर्ण और गंभीर चर्चा का विषय है। इस पर पुनर्विचार करने और एसआईआर को वापस लेने की आवश्यकता है।"
टीएमसी सांसद सागरिका घोष ने एसआईआर के मुद्दे पर कहा, "हम सदन के अंदर और बाहर दोनों जगह विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) का विरोध कर रहे हैं। चुनाव आयोग द्वारा एसआईआर के लागू होने से हजारों लोग अपने मताधिकार से वंचित हो रहे हैं, विशेषकर आम नागरिक, दिहाड़ी मजदूर और प्रवासी मजदूर जो रोजगार के लिए विभिन्न राज्यों में जाते हैं। उनके मताधिकार को छीना जा रहा है। इसलिए हम इस पर कड़ा विरोध कर रहे हैं और हमने इस संबंध में अनेक नोटिस भी जमा किए हैं। मुझे लगता है कि इस निर्णय का कड़ा विरोध होना चाहिए।"
विशेष गहन पुनरीक्षण पर समाजवादी पार्टी के सांसद धर्मेंद्र यादव ने कहा, "हम जनता के आशीर्वाद और समर्थन से संसद में मजबूती से लड़ाई लड़ेंगे, ताकि सरकार या आयोग इस निर्णय को वापस लेने पर मजबूर हो जाए।"