क्या नौसैनिक हेलीकॉप्टर ने पेट्रोलियम भंडार में लगी भयंकर आग पर काबू पाया?

सारांश
Key Takeaways
- विशाखापटनम में लगी आग पर भारतीय नौसेना ने त्वरित कार्रवाई की।
- आग बुझाने के लिए हेलीकॉप्टर और नौसेना के जहाजों का उपयोग किया गया।
- संयुक्त प्रयासों से आग को नियंत्रण में लाया गया।
- पर्यावरणीय नुकसान को टालने में मदद मिली।
- ईस्ट इंडिया पेट्रोलियम केमिकल्स में आग लगने से बड़ा हादसा हो सकता था।
नई दिल्ली, 8 सितंबर (राष्ट्र प्रेस) विशाल पेट्रोलियम भंडार में लगी आग पर नियंत्रण पाने के लिए भारतीय नौसेना ने नौसैनिक जहाज और हेलीकॉप्टर की सहायता ली है। भारतीय नौसेना के अनुसार, यह आग दक्षिण भारत के विशाखापटनम स्थित एक पेट्रोलियम भंडार में रविवार रात लगी थी। आग बुझाने की कार्रवाई सोमवार को भी जारी रही।
सोमवार को, नौसेना के हेलीकॉप्टर ने कई उड़ानें भरीं और आग पर काबू पाने के लिए पानी और फोम की बौछारें की गईं। आईएनएस डेगा और सी किंग हेलीकॉप्टर ने पेट्रोलियम के इस भंडार में लगी आग को बुझाने का कार्य किया। यह आग ईस्ट इंडिया पेट्रोलियम केमिकल्स में लगी थी। हेलीकॉप्टर को अंडरस्लंग फायर बकेट से लैस किया गया है। आग पर नियंत्रण कर लिया गया है, हालांकि यह ऑपरेशन अभी भी जारी है।
नौसेना को मिली सूचना के अनुसार, ईस्ट इंडिया पेट्रोलियम केमिकल्स में 7 सितंबर को आग लग गई थी। जानकारी मिलते ही औद्योगिक एजेंसियों और भारतीय नौसेना के फायर एवं फोम टेंडर मौके पर पहुंचे और आग बुझाने के लिए संयुक्त प्रयास शुरू किए गए। रविवार रात से ही आग बुझाने के प्रयास लगातार जारी रहे।
सोमवार को आग बुझाने के लिए नए प्रयास शुरू किए गए। सी किंग हेलीकॉप्टर को राहत एवं अग्निशामक कार्यों में लगाया गया। हेलीकॉप्टर ने कई बार पानी एवं फोम की बौछारें कीं। इन सॉर्टियों के माध्यम से आग के केंद्र पर लगातार पानी एवं फोम डाला गया, जिससे तापमान में गिरावट आई और लपटों को दबाने में सफलता मिली है।
नौसेना के अनुसार, सुरक्षा बलों और एजेंसियों के संयुक्त प्रयास से आग को नियंत्रण में लाया गया है, हालांकि शीतलक और फायर फाइटिंग की कार्रवाई अभी भी चल रही है। यह सब इस अग्नि संवेदनशील क्षेत्र में आग को पुनः प्रकट होने से रोकने के लिए किया जा रहा है। भारतीय नौसेना एवं औद्योगिक इकाइयों की इस त्वरित प्रतिक्रिया ने इस बड़े अग्निकांड को फैलने से रोका।
यहां विशाल भंडारण टैंक हैं, जिनमें पेट्रोलियम पदार्थ हैं। यदि नौसेना की मदद से तुरंत कार्रवाई नहीं की जाती, तो एक बड़ा हादसा हो सकता था। इससे पर्यावरण को भी गंभीर नुकसान पहुंच सकता था। लेकिन नौसेना द्वारा प्रदान की गई त्वरित सहायता से स्थिति को नियंत्रित कर लिया गया।