क्या वृद्धाश्रम कांड में ट्रस्टी ने सभी आरोपों को नकारा?

सारांश
Key Takeaways
- ट्रस्टी ने सभी आरोपों को नकारा।
- वीडियो को साजिश के तहत वायरल किया गया।
- बुजुर्गों की देखभाल की जा रही है।
- समाज कल्याण विभाग की टीम ने कार्रवाई की।
- रजिस्ट्रेशन 2026 तक वैध है।
नोएडा, 28 जून (राष्ट्र प्रेस)। नोएडा के सेक्टर-55 में स्थित वृद्धाश्रम के ट्रस्टी अब सामने आए हैं और उन्होंने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को नकारा है। उनका कहना है कि बदनाम करने की साजिश के तहत वृद्धाश्रम में वीडियो बनाए गए हैं। इन वीडियो को वायरल करके उनकी छवि को धूमिल किया जा रहा है।
समाज कल्याण विभाग की टीम ने तीन बुजुर्गों को दनकौर में भी शिफ्ट किया है। वृद्धाश्रम के ट्रस्टी अमर वीर सिंह ने कहा कि हमारे पास उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जारी महिला बाल कल्याण का रजिस्ट्रेशन है, जो 2026 तक वैध है। हम यहाँ महिला और पुरुष दोनों का रखरखाव कर सकते हैं।
उन्होंने बताया कि जो वीडियो सामने आए हैं, वो साजिश के तहत बनाए गए हैं और फिर सोशल मीडिया पर वायरल किए गए हैं। यह स्पष्ट है कि उनके खिलाफ कोई साजिश चल रही है। हम सिर्फ समाज सेवा करते हैं।
अमरवीर सिंह ने कहा कि हम बुजुर्गों के लिए जो राशि दो से ढाई लाख रुपये लेते हैं, वह इसलिए होती है कि किसी इमरजेंसी की स्थिति में हमारे पास फंड मौजूद रहे। यह राशि जमा रहती है और पूरी तरह से रिफंडेबल है।
उन्होंने यह भी कहा कि जिन बुजुर्गों को मानसिक समस्याएँ होती हैं, उनके लिए हम उनके परिजनों से लिखित में आवेदन लेकर उन्हें अतिरिक्त देखभाल के साथ यहाँ रखते हैं। समाज कल्याण विभाग द्वारा जारी नोटिस के सभी सवालों के जवाब हम देंगे।
गौरतलब है कि दो दिन पहले राज्य महिला आयोग ने पुलिस और समाज कल्याण विभाग की टीम के साथ वृद्धाश्रम में छापेमारी की थी और वहां बुजुर्गों की दयनीय स्थिति देखी गई थी, जिसके बाद आश्रम को नोटिस जारी कर सील करने का आदेश दिया गया था।