क्या पश्चिम बंगाल में एनआईए अधिकारियों का रूप धरकर धोखाधड़ी करने वाले तीन गिरफ्तार हुए?

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क्या पश्चिम बंगाल में एनआईए अधिकारियों का रूप धरकर धोखाधड़ी करने वाले तीन गिरफ्तार हुए?

सारांश

पश्चिम बंगाल में एनआईए अधिकारियों की पहचान बनाकर लाखों रुपये की धोखाधड़ी करने वाले तीन व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है। यह कार्रवाई पुलिस के विशेष टीम द्वारा की गई। जानिए इसकी पूरी कहानी।

Key Takeaways

  • पश्चिम बंगाल में एनआईए अधिकारियों के रूप में धोखाधड़ी का मामला सामने आया।
  • तीन आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं।
  • सिलिगुड़ी पुलिस की सक्रियता सराहनीय है।
  • लोगों को धोखाधड़ी से बचने के लिए सतर्क रहना चाहिए।
  • वसूली के लिए डराने-धमकाने की घटनाएं बढ़ रही हैं।

कोलकाता, 23 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। पश्चिम बंगाल में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के अधिकारियों के रूप में पहचान बताकर धोखाधड़ी और लाखों रुपये की उगाही करने के आरोप में तीन संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया है। यह कार्रवाई सिलिगुड़ी पुलिस की इंटेलिजेंस यूनिट और स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) ने मिलकर की।

आरोप है कि ये लोग मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के दौरान दस्तावेजों में सुधार करने के बहाने आम लोगों से पैसे वसूल कर रहे थे। पुलिस के अनुसार, आरोपी खुद को एनआईए के वरिष्ठ अधिकारी बताकर लोगों को फोन करते और उन्हें डराकर वसूली करते थे।

इस मामले में सिलिगुड़ी के माटीगारा थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराई गई थी, जिसके बाद पुलिस ने जांच शुरू की। मोबाइल लोकेशन ट्रैकिंग के आधार पर शनिवार को तीनों को रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया।

गिरफ्तार आरोपियों से कई मोबाइल फोन, दस्तावेजों की फोटोकॉपी और एक कार बरामद की गई है।

सिलिगुड़ी पुलिस आयुक्तालय के उपायुक्त राकेश सिंह ने कहा, "आरोपी खुद को एनआईए अधिकारी बताकर आम लोगों को भ्रमित कर रहे थे। शिकायत मिलने के बाद कार्रवाई की गई और तीनों को गिरफ्तार कर लिया गया है। हालांकि इस गिरोह में और भी लोग शामिल हैं, जिनकी तलाश जारी है।"

गिरफ्तार आरोपियों की पहचान अहसान अहमद और रेहार बाबर (पंजीपाड़ा निवासी) तथा माणिक रॉय (सिलिगुड़ी के सेवक रोड निवासी) के रूप में हुई है।

पुलिस के अनुसार, ये आरोपी पिछले कई दिनों से सिलिगुड़ी और आसपास के क्षेत्रों में नकली पहचान के जरिए लोगों को निशाना बना रहे थे और मतदाता सूची में दस्तावेज़ सुधार कराने के नाम पर लाखों रुपये ठग चुके हैं।

Point of View

लेकिन हमें खुद भी सावधान रहना होगा।
NationPress
28/11/2025

Frequently Asked Questions

आरोपियों की पहचान क्या है?
आरोपियों की पहचान अहसान अहमद, रेहार बाबर और माणिक रॉय के रूप में हुई है।
गिरफ्तारी कब हुई?
गिरफ्तारी शनिवार को मोबाइल लोकेशन ट्रैकिंग के आधार पर की गई।
पुलिस ने क्या कार्रवाई की?
पुलिस ने इंटेलिजेंस यूनिट और एसओजी के माध्यम से कार्रवाई की और तीनों आरोपियों को गिरफ्तार किया।
ये आरोपी किस प्रकार से लोगों को धोखा दे रहे थे?
ये आरोपी खुद को एनआईए अधिकारी बताकर लोगों को फोन करके डराते थे और पैसे वसूलते थे।
क्या पुलिस ने अन्य लोगों की भी तलाश की है?
हां, पुलिस ने बताया है कि इस गिरोह में और भी लोग शामिल हैं जिनकी तलाश जारी है।
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