क्या स्मृति ईरानी ने साझा किया अपने करियर की खास यादों का फ्राइडे फ्लैशबैक?
सारांश
Key Takeaways
- स्मृति ईरानी का टीवी पर लौटना दर्शकों के लिए एक खास पल है।
- उन्होंने अपने फैंस के प्रति आभार व्यक्त किया।
- उनकी वापसी ने पुराने दिनों की यादें ताज़ा की।
- सीरियल का नया सीजन समाज के मुद्दों को उजागर करता है।
- राजनीति में करियर बनाने के बावजूद, स्मृति ने टीवी से दूरी नहीं बनाई।
मुंबई, 28 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। स्मृति ईरानी का नाम आज टीवी और राजनीति की दुनिया में एक महत्वपूर्ण पहचान बन चुका है। उन्होंने अभिनेत्री के रूप में 'क्योंकि सास भी कभी बहू थी' में तुलसी का किरदार निभाकर दर्शकों के बीच एक खास स्थान बनाया और साथ ही राजनीति में भी अपनी योग्यता साबित की। अब, कई वर्षों बाद, स्मृति एक बार फिर टीवी की दुनिया में लौट आई हैं।
वह वर्तमान में 'क्योंकि सास भी कभी बहू थी 2' में दिखाई दे रही हैं। हाल ही में, उन्होंने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट के माध्यम से अपने करियर के महत्वपूर्ण क्षणों को याद किया।
इस पोस्ट में उन्होंने कुछ पुरानी तस्वीरें साझा की, जिसमें वह रेड साड़ी में नजर आ रही हैं और मुस्कुराते हुए कैमरे के लिए पोज दे रही हैं। कैप्शन में उन्होंने जीवन के अनमोल पलों और अनुभवों को साझा किया।
उन्होंने लिखा, ''जीवन की भाग-दौड़ में हम अक्सर यह नहीं समझ पाते कि जो पल हम जी रहे हैं, वे कितने खास और मूल्यवान हैं। सालों बाद एक पुरानी फोटो देखने पर वो पल फिर से जी उठा और उन यादों की ताजगी फिर से महसूस होने लगी। ये पल सिर्फ मेरे लिए ही नहीं, बल्कि फैंस के लिए भी बेहद खास हैं।''
उन्होंने आगे बताया, ''यह फ्राइडे फ्लैशबैक मेरे जीवन की उन यादों और अनुभवों को याद दिलाता है, जिन्होंने मुझे वो बनाया जो असल जिंदगी में मैं बनना चाहती हूं। मैं अपने जीवन की इस यात्रा के लिए उन फैंस का आभार व्यक्त करती हूं, जिन्होंने हमेशा मेरा साथ दिया।''
टीवी पर उनकी वापसी 'क्योंकि सास भी कभी बहू थी 2' के साथ हुई, जिसका प्रसारण जुलाई में शुरू हुआ। इस नए सीजन में स्मृति अपने प्रसिद्ध किरदार तुलसी के रूप में दिखाई दे रही हैं। कहानी तुलसी की जिंदगी के इर्द-गिर्द घूमती है, जिसमें वह मातृत्व, परिवार और समाज की उम्मीदों के बीच संतुलन बनाने की कोशिश करती हैं।
इस सीजन में यह भी दर्शाया गया है कि भारतीय समाज में अक्सर मां को बच्चों की गलतियों के लिए जिम्मेदार ठहराया जाता है, जबकि पिता को कम आलोचना का सामना करना पड़ता है। इस कहानी के जरिए समाज की उन पूर्वाग्रहों और असमानताओं को सामने लाने की कोशिश की गई है जो आज भी मौजूद हैं।
राजनीति के कारण स्मृति ने 2010 में टीवी से दूरी बना ली थी। उन्होंने लंबे समय तक टीवी की दुनिया से दूर रहकर अपने राजनीतिक करियर को मजबूत किया। अब 15 साल बाद उनकी वापसी ने दर्शकों को पुराने दिनों की याद दिला दी।