क्या वर्ल्ड ब्रेन डे पर योग आपके मस्तिष्क के लिए वरदान है?

सारांश
Key Takeaways
- योगासन मस्तिष्क की कार्यक्षमता को बढ़ाते हैं।
- संतुलित आहार और नींद मानसिक स्वास्थ्य के लिए आवश्यक हैं।
- भ्रामरी प्राणायाम से तनाव कम होता है।
- नियमित योग से स्मृति और मेमोरी में सुधार होता है।
- मस्तिष्क को ऑक्सीजन और पोषण मिलता है।
नई दिल्ली, 22 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। दिनभर की भागदौड़, चिंता, तनाव और वर्कलोड सिर्फ शरीर को ही नहीं, बल्कि दिमाग को भी थका देती है। हर साल 22 जुलाई को वर्ल्ड ब्रेन डे मनाया जाता है। यह दिन हमें मस्तिष्क के स्वास्थ्य के महत्व को समझने और इसे मजबूत बनाने के लिए प्रेरित करता है। मस्तिष्क हमारे दैनिक कार्यों, सोचने, स्मृति और भावनात्मक स्वास्थ्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। योगासन मस्तिष्क की कार्यक्षमता को बढ़ाने में विशेष रूप से लाभकारी होते हैं।
भारत सरकार का आयुष मंत्रालय विश्व मस्तिष्क दिवस पर मस्तिष्क के महत्व पर ध्यान देने की सलाह देता है। मंत्रालय का कहना है, "जीवन के हर चरण में अपनी मेंटल हेल्थ के महत्व पर विचार करें। मस्तिष्क न केवल हमारे खाने-पीने और सोने से लेकर तनाव प्रबंधन तक बल्कि मेंटल क्लैरिटी, स्मृति और इमोशनल हेल्थ पर भी गहरा प्रभाव डालता है।"
इसलिए, मस्तिष्क को मजबूत करने के लिए योग में कई सरल आसन हैं, जिनका नियमित अभ्यास दिमाग को तेज करता है और विभिन्न मानसिक समस्याओं से राहत भी दिलाता है।
एक स्वस्थ मस्तिष्क के लिए संतुलित आहार और नींद अत्यावश्यक हैं। योगासन मस्तिष्क की कार्यक्षमता को बढ़ाने में बेहद प्रभावी होते हैं। आयुष मंत्रालय ने मस्तिष्क की शक्ति बढ़ाने के लिए कुछ प्रमुख योगासनों की सिफारिश की है, जिनमें पश्चिमोत्तानासन, हलासन, सर्वांगासन, सेतु बंधासन, और भ्रामरी शामिल हैं।
पश्चिमोत्तानासन में बैठकर पैरों की ओर झुकने से रीढ़ और मस्तिष्क को ऑक्सीजन की आपूर्ति बढ़ती है। यह तनाव और चिंता को कम करता है, साथ ही मानसिक स्पष्टता को भी बढ़ाता है। इसे 1-2 मिनट तक करना चाहिए।
सेतु बंधासन के लिए पीठ के बल लेटकर घुटनों को मोड़कर कूल्हों को ऊपर उठाते हैं। यह मस्तिष्क में रक्त संचार को बेहतर बनाता है और थकान को दूर करता है। इसे 30 सेकंड से 1 मिनट तक करना चाहिए। सेतु बंधासन के बाद सर्वांगासन का क्रम आता है, जिसमें कंधों के बल शरीर को ऊपर उठाना होता है। यह मस्तिष्क में रक्त प्रवाह बढ़ाता है, जिससे मेमोरी और एकाग्रता में सुधार होता है। इसे 1-2 मिनट तक सावधानी से करना चाहिए। हलासन में पैरों को सिर के पीछे ले जाना होता है। यह तंत्रिका तंत्र को मजबूत करता है और मानसिक तनाव को कम करता है। इसे 30 सेकंड से शुरू करना चाहिए। योगासन के साथ-साथ प्राणायाम भी हैं, जिसमें भ्रामरी शामिल है, जो मस्तिष्क को शांत करता है और तनाव को कम करता है। इसमें गहरी सांस लेकर हल्की आवाज निकालनी होती है। यह ध्यान और एकाग्रता बढ़ाता है। इसे 5-10 मिनट तक करना चाहिए।
ये योगासन मस्तिष्क के लिए अत्यंत लाभदायक होते हैं। इससे मस्तिष्क को ऑक्सीजन और पोषण मिलता है, जिससे भ्रम की स्थिति नहीं रहती, स्मृति और भावनात्मक स्थिरता बढ़ती है। नियमित अभ्यास से तनाव, चिंता और अवसाद कम होता है। आयुष मंत्रालय का कहना है कि योग के साथ संतुलित आहार और अच्छी नींद मस्तिष्क को स्वस्थ रखने में मदद करती है।