क्या पीएम मोदी ने योग दिवस पर अन्नपूर्णा देवी के लेख की सराहना की?

सारांश
Key Takeaways
- योग
- अन्नपूर्णा देवी के लेख में योग को महिला और बाल कल्याण में शामिल करने की आवश्यकता पर ज़ोर दिया गया है।
- प्रधानमंत्री मोदी ने योग दिवस की वैश्विक मान्यता की सराहना की।
- योग का स्वास्थ्य और कल्याण पर गहरा प्रभाव है।
- इस वर्ष का थीम 'योग फॉर वन अर्थ, वन हेल्थ' पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ाने का कार्य करता है।
नई दिल्ली, 21 जून (राष्ट्र प्रेस)। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर शनिवार को देशभर में योग के प्रति बेहद उत्साह देखा गया। इस अवसर पर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी के एक लेख की प्रशंसा करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर टिप्पणी की। उन्होंने योग के महत्व पर लिखे गए लेख को न केवल सराहा, बल्कि देशवासियों से इसे पढ़ने की अपील भी की।
अन्नपूर्णा देवी ने अपने लेख को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर साझा किया। इस लेख के माध्यम से उन्होंने स्पष्ट किया कि कैसे योग को महिला और बाल कल्याण की नीतियों में शामिल कर जमीनी स्तर पर स्वास्थ्य और जीवनशैली में सकारात्मक परिवर्तन लाया जा रहा है।
एक्स पोस्ट में अन्नपूर्णा देवी ने उल्लेख किया, "योग केवल एक प्राचीन परंपरा नहीं है, यह एक जन आंदोलन बन चुका है, जो भारत को स्वास्थ्य और सशक्तीकरण की दिशा में आगे बढ़ा रहा है, विशेषकर महिलाओं और बच्चों के लिए।"
प्रधानमंत्री मोदी ने अन्नपूर्णा देवी के पोस्ट को पुनः साझा करते हुए लिखा, "केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा जी ने यह दर्शाया है कि किस प्रकार योग को महिला और बाल कल्याण की नीतियों में शामिल कर, देश के हर कोने में स्वास्थ्य और जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बनाया जा रहा है, इसे जरूर पढ़ें।"
यह ध्यान देने योग्य है कि वैश्विक स्तर पर योग अब एक जन आंदोलन बन चुका है। 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मान्यता प्राप्त होने में इसका महत्वपूर्ण योगदान है। इस वर्ष का अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का थीम 'योग फॉर वन अर्थ, वन हेल्थ' है, जो पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य के बीच गहरे संबंध को रेखांकित करती है।
यह थीम योग के प्राचीन ज्ञान को आधुनिक वैज्ञानिक प्रगति के साथ जोड़ती है, जो एकता, शांति और करुणा के सिद्धांतों को बढ़ावा देती है।
प्रधानमंत्री मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में योग दिवस मनाने का प्रस्ताव रखा था। रिकॉर्ड समय में 177 देशों ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया, जो अपने आप में एक ऐतिहासिक घटना थी। इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई और 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस घोषित किया गया। अपने प्रस्ताव में, यूएनजीए ने स्वीकार किया कि योग जीवन के सभी पहलुओं के बीच संतुलन बनाने के अलावा स्वास्थ्य और कल्याण के लिए एक समग्र दृष्टिकोण प्रदान करता है।