क्या सीएम योगी ने जिलाधिकारियों को घुसपैठियों की पहचान के निर्देश दिए हैं?
सारांश
Key Takeaways
- सीएम योगी ने अवैध घुसपैठ के खिलाफ सख्त कदम उठाए हैं।
- अस्थायी डिटेंशन सेंटर का निर्माण किया जाएगा।
- कानून व्यवस्था और राष्ट्रीय सुरक्षा को प्राथमिकता दी गई है।
- घुसपैठियों के लिए पहचान प्रक्रिया तेज की जाएगी।
लखनऊ, २२ नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी जिलाधिकारियों को अवैध घुसपैठ पर त्वरित और कठोर कार्रवाई करने के लिए स्पष्ट निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य की कानून व्यवस्था, राष्ट्रीय सुरक्षा और सामाजिक समरसता सर्वोच्च प्राथमिकता है और किसी भी प्रकार की अवैध गतिविधि को सहन नहीं किया जाएगा।
सीएम योगी ने यह आदेश दिया है कि प्रत्येक जिला प्रशासन अपने क्षेत्र में रहने वाले अवैध घुसपैठियों की पहचान सुनिश्चित करे और नियमानुसार कार्रवाई प्रारंभ करे। इसके साथ ही, उन्होंने निर्देश दिया है कि प्रत्येक जनपद में अस्थायी डिटेंशन सेंटर स्थापित किए जाएं। इन केंद्रों में विदेशी नागरिकता के अवैध व्यक्तियों को रखा जाएगा और आवश्यक सत्यापन प्रक्रिया पूरी होने तक वहीं आवास सुनिश्चित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि डिटेंशन सेंटर में रखे गए अवैध घुसपैठियों को तय प्रक्रिया के तहत उनके मूल देश भेजा जाएगा।
ज्ञात हो कि घुसपैठियों को हटाने के लिए पहले भी आवाज उठाई गई है। सरोजनी नगर के विधायक राजेश्वर सिंह ने केंद्रीय कानून मंत्री को पत्र लिखा है। कुछ माह पहले, उन्होंने कानून व न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल से अवैध घुसपैठियों को देश से बाहर भेजने के लिए कानून में सुधार करने की मांग की है।
उन्होंने छह बिंदुओं पर सुधार कर नया कानून लागू करने की अपील की है। पत्र में सुधार बिंदु शामिल हैं, जैसे कि विदेशी अधिनियम, १९४६ में संशोधन के तहत निर्वासन की स्पष्ट समय-सीमा और प्रक्रिया निर्धारित करना, जिलाधिकारियों को निर्वासन आदेश जारी करने का अधिकार देना, हर राज्य में विशेष ट्रिब्यूनल गठित करना, एनआरसी व एनपीआर को आधार और मोबाइल ट्रैकिंग से जोड़कर राष्ट्रीय स्तर पर लागू करना, और सीमा व संवेदनशील राज्यों में नए डिटेंशन सेंटर्स बनाना।