क्या भारत की जीडीपी को बढ़ाने के लिए कृषि-तकनीक को तेजी से अपनाना आवश्यक है?

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क्या भारत की जीडीपी को बढ़ाने के लिए कृषि-तकनीक को तेजी से अपनाना आवश्यक है?

सारांश

क्या आप जानते हैं कि कैसे कृषि में प्रौद्योगिकी का तेजी से विकास भारत की अर्थव्यवस्था को नई ऊँचाइयों पर ले जा सकता है? केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने इस पर जोर देते हुए कई महत्वपूर्ण बिंदुओं को साझा किया। जानिए इस बदलाव की मुख्य बातें और इसके पीछे की वैज्ञानिक सोच।

Key Takeaways

  • कृषि में प्रौद्योगिकी का तेजी से विकास आवश्यक है।
  • लैवेंडर क्रांति ने स्टार्टअप्स को बढ़ावा दिया है।
  • सैटेलाइट इमेजिंग और रिमोट-कंट्रोल ट्रैक्टर जैसे उपकरण महत्वपूर्ण हैं।
  • कृषि क्षेत्र में हितधारकों के बीच तालमेल बढ़ाना होगा।
  • मौजूदा तकनीक का प्रभावी उपयोग करना जरूरी है।

नई दिल्ली, 7 जुलाई (राष्ट्र प्रेस) केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने सोमवार को कहा कि पिछले 11 वर्षों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में कृषि में प्रौद्योगिकी ने तेजी से प्रगति की है। उन्होंने उन्नत प्रौद्योगिकी को अपनाने और हितधारकों के बीच बेहतर तालमेल को बढ़ावा देकर कृषि क्षेत्र में व्यापक बदलाव की आवश्यकता पर जोर दिया।

राष्ट्रीय राजधानी के एनएएससी कॉम्प्लेक्स में आईसीएआर सोसायटी की 96वीं वार्षिक आम बैठक में बोलते हुए, मंत्री ने कहा कि जमीनी स्तर पर इसकी पूरी क्षमता का अभी भी उपयोग नहीं किया गया है।

कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में आयोजित इस कार्यक्रम में डॉ. सिंह ने कहा कि दुनिया में उपलब्ध हर प्रौद्योगिकी अब भारत में भी उपलब्ध है।

उन्होंने कहा, "अब यह मायने नहीं रखता कि तकनीक उपलब्ध है या नहीं। अब यह महत्वपूर्ण है कि हम इसे कितनी तेजी से अपनाते हैं और इसे अपनी अर्थव्यवस्था में जोड़ने के लिए कैसे इसका इस्तेमाल करते हैं।"

डॉ. सिंह ने कहा, "पिछले 11 वर्षों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में कृषि में प्रौद्योगिकी ने तेजी से प्रगति की है। हालांकि, जमीनी स्तर पर इसकी पूरी क्षमता का दोहन होना अभी बाकी है।"

इस अवसर पर, डॉ. सिंह ने जम्मू-कश्मीर में लैवेंडर क्रांति जैसी सफलता की कहानियों की ओर इशारा किया, जहां लैवेंडर की खेती के इर्द-गिर्द 3,500 से ज्यादा स्टार्टअप उभरे हैं।

उन्होंने यह भी बताया कि नए जमाने की खेती, जिसमें सैटेलाइट इमेजिंग, रिमोट-कंट्रोल ट्रैक्टर और ऑर्डर-आधारित फसल उत्पादन शामिल हैं, कृषि को नया आकार दे रही है।

उन्होंने कहा, "भद्रवाह में लैवेंडर से लेकर मंदिर में चढ़ावे के लिए उगाए जाने वाले ऑफ-सीजन ट्यूलिप जैसे अनेक उदाहरण हमारे पास हैं, जहां विज्ञान और रणनीति ने मिलकर आय और नवाचार दोनों उत्पन्न किए हैं।"

Point of View

बल्कि इससे किसानों की आय और जीवन स्तर में भी सुधार हो सकता है। यह एक महत्वपूर्ण समय है जब हमें नई तकनीकों को अपनाने के लिए तत्पर रहना होगा।
NationPress
21/07/2025

Frequently Asked Questions

कृषि में नई प्रौद्योगिकी के क्या लाभ हैं?
नई प्रौद्योगिकी से उत्पादन में वृद्धि, लागत में कमी और बेहतर फसल प्रबंधन संभव है।
भारत में कृषि में तकनीकी विकास की दिशा क्या है?
भारत में कृषि तकनीकी विकास की दिशा में सैटेलाइट इमेजिंग और रिमोट-कंट्रोल ट्रैक्टर जैसी उन्नत तकनीकों का उपयोग हो रहा है।
लैवेंडर क्रांति क्या है?
लैवेंडर क्रांति जम्मू-कश्मीर में हुई है, जहां लैवेंडर की खेती से 3,500 से ज्यादा स्टार्टअप का उदय हुआ है।