क्या अहमदाबाद प्लेन क्रैश ने बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर की तकनीकी समस्याओं की याद दिलाई?

सारांश
Key Takeaways
- बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर में तकनीकी खामियां हैं।
- अहमदाबाद विमान दुर्घटना ने सुरक्षा चिंताओं को फिर से उजागर किया है।
- बोइंग को अपनी बैटरी प्रणाली को पुनः डिजाइन करने की आवश्यकता है।
- पायलटों ने विभिन्न तकनीकी समस्याओं की रिपोर्ट की है।
- यूएस एफएए ने जांच शुरू की है।
नई दिल्ली, 12 जून (राष्ट्र प्रेस)। बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर को अपने आधुनिक तकनीकी गुणों और ईंधन की दक्षता के लिए वैश्विक स्तर पर सराहा जाता है, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में इस विमान में कई तकनीकी और सुरक्षा से संबंधित समस्याएं भी सामने आई हैं।
गुरुवार को अहमदाबाद में एयर इंडिया की उड़ान एआई 171 के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद, एक बार फिर इस एयरक्राफ्ट को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं।
इस उड़ान में 242 यात्री सवार थे, जिनमें 10 क्रू सदस्य शामिल थे।
बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर का इस्तेमाल लंबी दूरी की अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए बड़े पैमाने पर एयरलाइनों द्वारा किया जाता है और इसे आधुनिक और कुशल विमान माना जाता है, लेकिन इसके साथ ही सुरक्षा संबंधी चिंताएं भी उठती रही हैं।
2013 में लिथियम-आयन बैटरी में आग लगने के बाद, पूरी दुनिया में ड्रीमलाइनर मॉडल के सभी विमानों को उड़ान भरने से रोक दिया गया था। जापान एयरलाइंस के जेट में आग लगने के कारण इस विमान में खामी की पहचान हुई थी।
इन घटनाओं के चलते यूएस फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (एफएए) ने तब तक ड्रीमलाइनर का परिचालन स्थगित कर दिया, जब तक कि बोइंग ने बैटरी प्रणाली को नए सिरे से डिजाइन नहीं किया।
2024 में, बोइंग फिर से जांच के दायरे में आ गई, जब कंपनी के एक इंजीनियर और व्हिसलब्लोअर सैम सालेहपुर ने अमेरिकी सीनेट को ड्रीमलाइनर के ढांचे में संरचनात्मक समस्याओं के बारे में बताया।
उन्होंने कहा कि छोटे गैप और अनुचित असेंबली के कारण जल्दी घिसाव और संरचनात्मक खराबी हो सकती है। इसके बाद एफएए ने जांच शुरू की, जो अभी भी जारी है।
इन सभी खामियों के बावजूद, बोइंग ने इसे एक आधुनिक एयरक्राफ्ट के रूप में पेश किया है।
इस साल मार्च में, लैटम एयरलाइंस द्वारा संचालित बोइंग 787-9 में उड़ान के दौरान अचानक ऊंचाई में गिरावट आई, जिससे 50 लोग घायल हो गए। इसका कारण कॉकपिट सीट में खराबी बताया गया।
पिछले कुछ वर्षों में, पायलटों ने इंजन में बर्फ जमने, ईंधन रिसाव, जनरेटर और बिजली प्रणाली में खराबी जैसी समस्याओं की भी रिपोर्ट की है।
फ्लाइटराडार24 के आंकड़ों के अनुसार, गुरुवार को दुर्घटनाग्रस्त हुए विमान ने 2013 में अपनी पहली उड़ान भरी थी और जनवरी 2014 में एयर इंडिया को सौंपा गया था।
अहमदाबाद में विमान दुर्घटना के कारणों की जांच अभी भी एयर इंडिया और नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) द्वारा की जा रही है।