क्या भारत को स्मार्टफोन निर्यात की सफलता को अन्य मैन्युफैक्चरिंग उद्योगों में दोहराना चाहिए? : अमिताभ कांत

सारांश
Key Takeaways
- भारत ने अमेरिकी स्मार्टफोन आयात में 44 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल की है।
- अमिताभ कांत ने वैश्विक कंपनियों के साथ सहयोग का महत्व बताया।
- चीन से गिरते शिपमेंट से भारत को लाभ मिला।
- एप्पल ने भारत में उत्पादन बढ़ाया है।
- सैमसंग और मोटोरोला की भूमिका भी महत्वपूर्ण है।
नई दिल्ली, 30 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। भारत को दुनिया के प्रमुख स्मार्टफोन निर्यातकों में से एक बनने की अपनी सफलता को 10 अन्य मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्रों में दोहराने की आवश्यकता है। इसके लिए वैश्विक कंपनियों के साथ सहयोग करके, वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला का महत्वपूर्ण हिस्सा बनने पर ध्यान केंद्रित करना होगा। यह बयान इंटरग्लोब एविएशन के बोर्ड में नॉन-एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर अमिताभ कांत ने बुधवार को दिया।
वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में अमेरिका के स्मार्टफोन आयात में भारत की हिस्सेदारी 44 प्रतिशत थी, जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह 13 प्रतिशत थी।
पूर्व जी20 शेरपा और नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) रह चुके कांत ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा कि पिछले तीन महीनों में जून तक अमेरिका के स्मार्टफोन आयात में भारत की हिस्सेदारी बढ़कर 44 प्रतिशत हो गई है, जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह 13 प्रतिशत थी। इस दौरान देश ने चीन को पीछे छोड़ दिया है, जिसकी अमेरिका के स्मार्टफोन आयात में हिस्सेदारी 61 प्रतिशत से घटकर 25 प्रतिशत रह गई है।
उन्होंने आगे कहा, "भारत को वैश्विक कंपनियों के साथ साझेदारी करके और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं का अभिन्न अंग बनकर दस अन्य मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्रों में भी यही कहानी दोहराने की आवश्यकता है।"
चीन में असेंबल किए गए अमेरिकी स्मार्टफोन शिपमेंट में आई गिरावट का सबसे ज्यादा लाभ भारत ने उठाया है, जिसका मुख्य कारण एप्पल की 'चाइना प्लस वन' रणनीति है।
"मेड-इन-इंडिया" स्मार्टफोन की कुल वॉल्यूम में सालाना आधार पर 240 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। पिछले कई वर्षों में, एप्पल ने भारत में अपनी उत्पादन क्षमता का विस्तार किया है और 2025 में अब तक भारत में अपनी अधिकांश निर्यात क्षमता को अमेरिकी बाजार में आपूर्ति के लिए केंद्रित कर दिया है।
हालांकि, एप्पल ने भारत में आईफोन 16 सीरीज के प्रो मॉडल की मैन्युफैक्चरिंग और असेंबलिंग शुरू कर दी है, लेकिन वह बड़ी संख्या में अमेरिका में प्रो मॉडल की आवश्यक आपूर्ति के लिए चीन में स्थापित मैन्युफैक्चरिंग केंद्रों पर निर्भर है।
सैमसंग और मोटोरोला ने भी भारत से अमेरिका को आपूर्ति में वृद्धि की है, हालांकि उनकी गतिविधियाँ एप्पल की तुलना में काफी कम और छोटे पैमाने पर हैं। एप्पल की तरह, मोटोरोला का भी मुख्य मैन्युफैक्चरिंग केंद्र चीन में है, जबकि सैमसंग मुख्य रूप से वियतनाम में अपने ज्यादातर स्मार्टफोन के उत्पादन पर निर्भर है।