क्या भारत ने गरीबी उन्मूलन में सराहनीय कार्य किया है और बच्चों के लिए योजनाएं उत्कृष्ट हैं?

Click to start listening
क्या भारत ने गरीबी उन्मूलन में सराहनीय कार्य किया है और बच्चों के लिए योजनाएं उत्कृष्ट हैं?

सारांश

यूनिसेफ की नई रिपोर्ट भारत के गरीबी उन्मूलन प्रयासों और बच्चों के कल्याण हेतु निवेश की सराहना करती है। यह रिपोर्ट बताती है कि कैसे भारत ने अपने फ्लैगशिप प्रोग्राम के माध्यम से बच्चों के लिए बेहतर भविष्य सुनिश्चित करने की दिशा में कदम बढ़ाए हैं।

Key Takeaways

  • भारत ने गरीबी उन्मूलन में महत्वपूर्ण प्रगति की है।
  • यूनिसेफ ने बच्चों के प्रति किए गए निवेश की सराहना की है।
  • फ्लैगशिप प्रोग्राम ने बच्चों की बेहतरी में योगदान दिया है।
  • सामाजिक सुरक्षा कवरेज में सुधार हुआ है।
  • भारत में बच्चों की स्थिति में सुधार के लिए निरंतर प्रयास जरूरी हैं।

नई दिल्ली, 20 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। यूनिसेफ ने भारत की गरीबी उन्मूलन के प्रयासों और बच्चों के कल्याण के लिए किए जा रहे निवेश की सराहना की है। संस्था का कहना है कि भारत के फ्लैगशिप प्रोग्राम ने देश की प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

यूएन एजेंसी की विशेष रिपोर्ट, 'द स्टेट ऑफ द वर्ल्ड्स चिल्ड्रन 2025,' में बताया गया है कि विश्वभर में 40 करोड़ बच्चे (अल्प और मध्यम आय वाले देशों में से 5 में से एक) स्वास्थ्य, शिक्षा और कल्याण से जुड़ी आवश्यकताओं से वंचित हैं।

वैश्विक स्तर पर लाखों बच्चों की शिक्षा, स्वच्छ जल, साफ-सफाई, आवास, स्वास्थ्य और पोषण संबंधी बुनियादी आवश्यकताएं पूरी नहीं हो पा रही हैं। यह समाज में मौजूद असमानता, विकास की सुस्ती और सामाजिक ताने-बाने को उजागर करता है, जिसका प्रभाव पीढ़ियों तक रहता है।

यूनिसेफ इंडिया की प्रतिनिधि सिंथिया मैककैफ्रे ने कहा, “भारत ने गरीबी उन्मूलन में उत्कृष्ट कार्य किया है, और फ्लैगशिप प्रोग्राम ने बच्चों में निवेश को प्रोत्साहित किया है, जिससे भारत 2030 से पहले ही एलडीजी 1.2 के पथ पर अग्रसर है।”

रिपोर्ट में पोषण अभियान, समग्र शिक्षा, पीएम किसान, मिड-डे मील स्कीम, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, स्वच्छ भारत, और जल जीवन मिशन के साथ-साथ डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना का उल्लेख किया गया है, जिसके माध्यम से पोषण, शिक्षा और स्वच्छता के साथ-साथ लोगों की आय में वृद्धि हुई और उनके वित्तीय आवश्यकताओं का भी ध्यान रखा गया।

भारत दुनिया का सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश है, जहां लगभग 46 करोड़ बच्चे (18 वर्ष से कम) निवास करते हैं।

नेशनल मल्टीडाइमेंशनल पॉवर्टी इंडेक्स (एमपीआई) के अनुसार, भारत ने 2013-14 और 2022-23 के बीच बच्चों सहित 24.8 करोड़ नागरिकों को बहुआयामी गरीबी से बाहर निकलने में सहायता की, जिससे राष्ट्रीय एमपीआई दर 29.2 प्रतिशत से घटकर 11.3 प्रतिशत हो गई।

देश ने सामाजिक सुरक्षा कवरेज में 2015 के 19 प्रतिशत से बढ़ाकर 64.3 प्रतिशत कर दी है, जो 2025 तक 94 करोड़ नागरिकों तक पहुंचेगा। इसके साथ ही, सामाजिक क्षेत्र में लगातार निवेश भी गरीबी कम करने में सहायक साबित होगा।

मैककैफ्री ने कहा, “यह रिपोर्ट हमें याद दिलाती है कि हमारे पास मौजूद उपकरणों और जानकारी के द्वारा बच्चों की गरीबी को समाप्त किया जा सकता है। बच्चों में निवेश से अधिक 'रिटर्न ऑन इन्वेस्टमेंट' कहीं नहीं मिलता। भारत की प्रगति दर्शाती है कि प्रभावी योजनाओं में तेजी लाने से अंतिम मील तक पहुंचने और भारत के विजन 2047 को प्राप्त करने में सहायता मिल सकती है। बच्चों की भलाई में सुधार केवल संसाधनों के बारे में नहीं है, बल्कि यह हमारे प्रत्येक निर्णय में बच्चों को प्राथमिकता देने की सामूहिक इच्छा और नेतृत्व के बारे में है।”

Point of View

तो भारत में बच्चों की स्थिति में सुधार किया जा सकता है। हमें इस दिशा में निरंतर प्रयास करते रहना चाहिए।
NationPress
21/11/2025

Frequently Asked Questions

भारत में गरीबी उन्मूलन के लिए कौन सी योजनाएं प्रभावी हैं?
भारत में पोषण अभियान, समग्र शिक्षा, और जल जीवन मिशन जैसी योजनाएं गरीबी उन्मूलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।
यूनिसेफ ने भारत के बारे में क्या कहा?
यूनिसेफ ने भारत के गरीबी उन्मूलन प्रयासों और बच्चों के प्रति किए गए निवेश की सराहना की है।
भारत के बच्चों की स्थिति में सुधार कैसे किया जा सकता है?
बच्चों में निवेश और प्रभावी योजनाओं के माध्यम से उनकी शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण में सुधार किया जा सकता है।
Nation Press