क्या बीएसई पर सूचीबद्ध सभी कंपनियों का मूल्यांकन 11 महीनों के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया?
सारांश
Key Takeaways
- बीएसई का मूल्यांकन 465 लाख करोड़ रुपए पर पहुँच गया है।
- सेंसेक्स और निफ्टी ने 3.5 प्रतिशत का रिटर्न दिया है।
- सरकारी कंपनियों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है।
- मिड-कैप और स्मॉल-कैप शेयरों ने भी अच्छा प्रदर्शन किया है।
- आर्थिक सुधार की उम्मीदें बढ़ रही हैं।
मुंबई, 18 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) पर सूचीबद्ध सभी कंपनियों का मूल्यांकन अब 11 महीनों के उच्चतम स्तर 465 लाख करोड़ रुपए तक पहुँच गया है।
कंपनियों के मूल्यांकन का यह उच्चतम स्तर भारतीय शेयर बाजार में तेजी के कारण संभव हुआ है, जिसे भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता और यूएस फेड द्वारा ब्याज दरों में कटौती का सहारा मिला है।
बीएसई पर सूचीबद्ध कंपनियों का मूल्यांकन सितंबर की शुरुआत से 20 लाख करोड़ रुपए बढ़ चुका है और यह 27 सितंबर 2024 के अपने ऑल-टाइम हाई से केवल 2.7 प्रतिशत नीचे है।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की ओर से अक्टूबर में ब्याज दरों में कटौती की संभावना और महंगाई में लगातार नरमी ने बाजार की तेजी को सपोर्ट किया है।
सेंसेक्स और निफ्टी ने इस महीने लगभग 3.5 प्रतिशत का रिटर्न दिया है।
हाल की तेजी में सरकारी कंपनियों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। बीएसई पीएसयू इंडेक्स ने 7.5 प्रतिशत का रिटर्न दिया, जबकि बीएसई 500 इंडेक्स में 5 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है। बीएसई ऑटो में 9 प्रतिशत, बीएसई बैंकेक्स में 6.8 प्रतिशत, बीएसई मेटल में 8.1 प्रतिशत और तेल एवं गैस में 4.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
मिड-कैप और स्मॉल-कैप शेयरों ने भी शानदार प्रदर्शन किया है, बीएसई मिडकैप इंडेक्स में 4.7 प्रतिशत और स्मॉलकैप में 6 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।
विश्लेषकों का कहना है कि अमेरिकी फेड के फैसले का भारतीय शेयर बाजार पर कोई असर नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा कि बाजार में चल रही तेजी भारतीय कंपनियों की आय में सुधार की उम्मीदों से प्रेरित है।
बाजार पर नजर रखने वालों के अनुसार, जीएसटी सुधारों के कारण वित्त वर्ष 27 में कॉर्पोरेट आय में 15 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि होने की प्रबल संभावना है, जिससे एफपीआई की धारणा में बदलाव आएगा।
हालांकि, कुछ विश्लेषकों का मानना है कि मूल्यांकन अभी भी उच्च स्तर पर बना हुआ है, लेकिन बैंकों, एनबीएफसी और उपभोग क्षेत्रों के कारण आय की गति में सुधार की संभावना है।