क्या कोविड और फ्लू वायरस ब्रेस्ट कैंसर कोशिकाओं को सक्रिय कर सकते हैं?

सारांश
Key Takeaways
- कोविड-19 और फ्लू वायरस निष्क्रिय ब्रेस्ट कैंसर कोशिकाओं को सक्रिय कर सकते हैं।
- शोध में चूहों और मानव रोगियों का विश्लेषण शामिल है।
- कैंसर सर्वाइवर्स को श्वसन संक्रमण से बचाव के लिए सावधानी बरतनी चाहिए।
- इंटरल्यूकिन-6 प्रोटीन मेटास्टेसिस को सक्रिय कर सकता है।
- पहले साल में श्वसन संक्रमण के बाद मेटास्टेसिस का खतरा बढ़ जाता है।
नई दिल्ली, 31 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। एक नवीनतम अध्ययन के अनुसार कोविड-19 और इन्फ्लूएंजा जैसे सामान्य श्वसन संक्रमण फेफड़ों में निष्क्रिय (डॉर्मेंट) ब्रेस्ट कैंसर कोशिकाओं को सक्रिय कर सकते हैं, जिससे नए मेटास्टेटिक ट्यूमर बनने का खतरा बढ़ जाता है।
'नेचर' मैग्जीन में प्रकाशित इस शोध में चूहों पर किए गए प्रयोगों और मानव रोगियों के विश्लेषण से यह स्पष्ट हुआ है कि कोविड-19 (सार्स-कोविड-2) महामारी के दौरान कैंसर से बचे लोगों में मृत्यु दर और फेफड़ों में मेटास्टेटिक बीमारी में वृद्धि देखी गई।
अमेरिका के अल्बर्ट आइंस्टीन कॉलेज ऑफ मेडिसिन के जूलियो अगुइरे-घिसो ने कहा, “हमारे निष्कर्ष इंगित करते हैं कि कैंसर सर्वाइवर्स को श्वसन वायरस से बचाव के लिए सावधानी बरतनी चाहिए। इसमें वैक्सीनेशन और डॉक्टर से सलाह लेना भी शामिल है।”
पिछले शोधों से यह भी ज्ञात हुआ है कि सूजन की प्रक्रिया निष्क्रिय कैंसर कोशिकाओं को सक्रिय कर सकती है। ये कोशिकाएं प्राइमरी ट्यूमर से अलग होकर अन्य अंगों में फैलती हैं और लंबे समय तक निष्क्रिय रहती हैं। कोविड महामारी के दौरान कैंसर मृत्यु दर में वृद्धि ने इस विचार को बल दिया है कि गंभीर सूजन इन कोशिकाओं को सक्रिय कर सकती है।
शोधकर्ताओं ने चूहों पर सार्स-कोविड 2 और इन्फ्लूएंजा वायरस का परीक्षण किया। दोनों ही वायरस ने फेफड़ों में निष्क्रिय डीसीसीएस को सक्रिय कर दिया, जिससे कुछ ही दिनों में मेटास्टेटिक कोशिकाओं की संख्या तेजी से बढ़ी और दो सप्ताह के भीतर मेटास्टेटिक घाव दिखाई दिए।
मॉलेक्यूलर एनालिसिस से पता चला कि यह प्रक्रिया इंटरल्यूकिन-6 नामक प्रोटीन के कारण होती है, जो संक्रमण या चोट के जवाब में इम्यून सेल्स छोड़ती हैं। इससे अवरोधकों या अन्य लक्षित इम्यूनोथेरेपी से मेटास्टेसिस को रोकने या कम करने में मदद मिल सकती है।
मानव डेटाबेस के विश्लेषण से यह भी सामने आया कि कैंसर से ठीक हुए मरीजों में श्वसन संक्रमण के बाद मेटास्टेसिस का खतरा बढ़ जाता है, खासकर पहले साल में।
नीदरलैंड्स की यूट्रीख्ट यूनिवर्सिटी के रूल वर्म्यूलन ने बताया, “कैंसर से बचे लोगों में सामान्य श्वसन वायरल संक्रमण के बाद मेटास्टेटिक रिलैप्स का जोखिम बढ़ सकता है।”
उन्होंने बताया कि यह अध्ययन कोविड-19 टीकों के उपलब्ध होने से पहले का है।