क्या ईज ऑफ डूइंग बिजनेस और टैक्स रिफॉर्म्स से भारत में घरेलू बचत बढ़ रही है?

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क्या ईज ऑफ डूइंग बिजनेस और टैक्स रिफॉर्म्स से भारत में घरेलू बचत बढ़ रही है?

सारांश

भारत में घरेलू बचत में वृद्धि का नया आंकड़ा सामने आया है। केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने बताया कि ईज ऑफ डूइंग बिजनेस और टैक्स रिफॉर्म्स के चलते घरेलू बचत में महत्वपूर्ण उछाल आया है। जानिए देश की आर्थिक स्थिति पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा।

Key Takeaways

  • घरेलू बचत 2023-24 में 54.61 लाख करोड़ रुपए हो गई है।
  • सरकार की योजनाओं से घरेलू आय में सुधार हो रहा है।
  • टैक्स छूट से उपभोक्ता खर्च में वृद्धि की उम्मीद है।

नई दिल्ली, 1 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्र सरकार द्वारा सोमवार को दी गई जानकारी के अनुसार, भारत में घरेलू बचत 2022-23 के 50.1 लाख करोड़ रुपए से बढ़कर 2023-24 में 54.61 लाख करोड़ रुपए हो गई है, जो कि एक वर्ष में 4.51 लाख करोड़ रुपए की वृद्धि को दिखाता है।

केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने लोकसभा में एक सवाल के जवाब में बताया कि सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा प्रकाशित राष्ट्रीय खाता सांख्यिकी 2025 के अनुसार, जीडीपी के प्रतिशत के रूप में घरेलू बचत 2022-23 में 18.6 प्रतिशत से घटकर 2023-24 में 18.1 प्रतिशत हो गई है।

पंकज चौधरी ने जानकारी देते हुए बताया कि सरकार के ईज ऑफ डूइंग बिजनेस, स्किलिंग, रोजगार सृजन, इंक्लूसिव ह्युमन रिसोर्स डेवलपमेंट और इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण पर ध्यान केंद्रित करने से घरेलू आय और बचत को बढ़ावा देने के लिए एक बेहतर वातावरण तैयार होता है।

उन्होंने अपनी बात पर जोर देते हुए कहा कि 12 लाख रुपए तक की वार्षिक आय पर टैक्स से छूट, हालिया जीएसटी रेट रेशनलाइजेशन जैसे कारकों से घरेलू उपभोग, बचत और निवेश में उछाल आने की उम्मीद है।

पंकज चौधरी के अनुसार, केंद्र सरकार घरेलू बचत सहित महत्वपूर्ण आर्थिक पैरामीटर पर बारीकी से नजर रखती है। साथ ही, देश के आर्थिक विकास और राजकोषीय स्थिरता पर इनके प्रभावों को भी ध्यान में रखा जाता है।

पंकज चौधरी ने कहा, "भारत की अर्थव्यवस्था के मैक्रोइकोनॉमिक फंडामेंटल मजबूत बने हुए हैं, जिन्हें मजबूत घरेलू मांग, कम महंगाई, सुधरती कॉरपोरेट बैलेंस शीट और सतत राजकोषीय अनुशासन से समर्थन मिल रहा है।"

इससे पहले, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले हफ्ते जानकारी देते हुए कहा था कि वित्त वर्ष 2025 में परिवारों के नेट फाइनेंशियल एसेट्स बढ़कर 9.9 लाख करोड़ रुपए और जीडीपी का 6 प्रतिशत हो गए हैं। जबकि वित्त वर्ष 2024 में परिवारों के नेट फाइनेंशियल एसेट्स जीडीपी का 5.3 प्रतिशत थे। इसके अलावा, उन्होंने बताया कि वित्त वर्ष 2025 में परिवारों की वित्तीय देनदारियां तेजी से गिरकर 15.7 लाख करोड़ रुपए और जीडीपी का 4.7 प्रतिशत रह गईं।

Point of View

यह स्पष्ट है कि सरकार की योजनाएं और आर्थिक सुधार भारतीय अर्थव्यवस्था में स्थिरता और विकास की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं। घरेलू बचत में वृद्धि से न केवल व्यक्तिगत आर्थिक स्थिति में सुधार होगा, बल्कि यह देश की समग्र आर्थिक स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी सिद्ध होगा।
NationPress
10/12/2025

Frequently Asked Questions

घरेलू बचत में वृद्धि का मुख्य कारण क्या है?
घरेलू बचत में वृद्धि का मुख्य कारण ईज ऑफ डूइंग बिजनेस और टैक्स रिफॉर्म्स हैं, जो लोगों के लिए बेहतर आर्थिक माहौल प्रदान कर रहे हैं।
क्या सरकार की योजनाओं का घरेलू बचत पर प्रभाव पड़ा है?
हाँ, सरकार की योजनाओं जैसे स्किलिंग, रोजगार सृजन, और इंफ्रास्ट्रक्चर ने घरेलू बचत को बढ़ावा दिया है।
घरेलू बचत का जीडीपी में क्या योगदान है?
घरेलू बचत का जीडीपी में योगदान 2022-23 में 18.6 प्रतिशत था, जो 2023-24 में घटकर 18.1 प्रतिशत हो गया।
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