क्या भारत में एआई तकनीकों को अपनाने की प्रक्रिया तेजी से बढ़ रही है?

सारांश
Key Takeaways
- एआई तकनीकों का तेजी से अपनाना
- प्रतिस्पर्धा की गतिशीलता में बदलाव
- बिजनेस ऑपरेशन में सुधार
- उपभोक्ता कल्याण की रक्षा
- रेगुलेटरी फ्रेमवर्क का विकास
नई दिल्ली, 7 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) द्वारा प्रस्तुत एक नई अध्ययन के अनुसार, भारत में विविध यूजर सेक्टरों में एआई तकनीकों को अपनाने की प्रक्रिया तेजी से बढ़ रही है, जिससे प्रतिस्पर्धा की गतिशीलता, बिजनेस ऑपरेशन और नियामक प्रतिक्रिया में महत्वपूर्ण बदलाव आ रहा है।
अध्ययन में यह बात सामने आई है कि एआई एफिशिएंसी, इनोवेशन और कंज्यूमर एक्सपीरियंस में लाभ प्रदान करता है, किंतु इसके साथ ही कुछ उभरते हुए मुद्दे भी हैं जो प्रतिस्पर्धा को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित कर सकते हैं और इसकी पूरी क्षमता के उपयोग में बाधा डाल सकते हैं।
रिपोर्ट में इन सभी पहलुओं की विस्तार से जांच की गई है। इसके साथ ही, भारत और अन्य देशों में कानूनी और रेगुलेटरी फ्रेमवर्क के विकास की समीक्षा की गई है, ताकि एआई के तेजी से हो रहे विकास के साथ तालमेल बनाए रखा जा सके।
मैनेजमेंट डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट सोसाइटी (एमडीआईएस) द्वारा तैयार की गई 'मार्केट स्टडी ऑन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एंड कम्पटीशन' शीर्षक वाली इस रिपोर्ट का उद्देश्य एआई मार्केट और इकोसिस्टम को समझना, उभरते और संभावित प्रतिस्पर्धा संबंधी मुद्दों की पहचान करना और एआई सिस्टम को नियंत्रित करने वाले मौजूदा और विकसित होते रेगुलेटरी फ्रेमवर्क की समीक्षा करना था।
अध्ययन में विभिन्न उद्देश्यों की गहन और समग्र समझ प्रदान करने के लिए लिटरेचर रिव्यू, डेटाबेस विश्लेषण, सेमी-स्ट्रक्चर और स्ट्रक्चर्ड इंटरव्यू और हितधारक सर्वे सहित सेकेंडरी और प्राइमरी दोनों रिसर्च विधियों का उपयोग किया गया।
सीसीआई ने कहा, "इस अध्ययन से एआई इकोसिस्टम के स्ट्रक्चर, मार्केट ट्रेंड्स, यूजर इंडस्ट्रीज में एआई एप्लीकेशन, एआई इंडस्ट्री और यूजर इंडस्ट्री में संभावित प्रतिस्पर्धा से जुड़े मुद्दों पर यूजफुल इनसाइट और जानकारी एकत्र करने में मदद मिली है।"
भारत में एक प्रतिस्पर्धी एआई इकोसिस्टम के विकास को बढ़ावा देने, एआई-ड्रिवन प्रतिस्पर्धा-विरोधी प्रथाओं को रोकने और उपभोक्ता कल्याण की रक्षा के लिए रिपोर्ट में कुछ उपायों का प्रस्ताव किया गया है।
इस संदर्भ में, सीसीआई संबंधित हितधारकों के सहयोग से एआई और रेगुलेटरी मुद्दों पर एक सम्मेलन आयोजित करेगा; 'एआई और प्रतिस्पर्धा अनुपालन' पर केंद्रित एडवोकेसी वर्कशॉप का आयोजन करेगा; अपनी तकनीकी क्षमताओं और इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित करेगा; एआई पर विशेष ध्यान देने के साथ डिजिटल मार्केट से जुड़े मामलों पर विशेषज्ञता प्रदान करने के लिए एक थिंक टैंक स्थापित करेगा; इंटर-रेगुलेटरी कॉर्डिनेशन को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाएगा और अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा प्राधिकरणों और बहुपक्षीय प्रतिस्पर्धा प्लेटफार्मों के साथ जुड़ जाएगा।