क्या सप्ताह में 3 बार फ्रेंच फ्राइज खाने से डायबिटीज का खतरा बढ़ सकता है?

सारांश
Key Takeaways
- फ्रेंच फ्राइज का अधिक सेवन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।
- भुने, उबले या मैश किए गए आलू का सेवन सुरक्षित है।
- साबुत अनाज का सेवन डायबिटीज के जोखिम को कम करता है।
- छोटे बदलाव बड़े स्वास्थ्य लाभ ला सकते हैं।
- 2 लाख से अधिक प्रतिभागियों पर आधारित अध्ययन ने महत्वपूर्ण निष्कर्ष दिए हैं।
नई दिल्ली, 7 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। यदि आप आलू के शौकीन हैं, तो इसे फ्रेंच फ्राइज बनाने के बजाय उबालकर या भूनकर खाने पर विचार करें।
हालिया अध्ययन में यह बात सामने आई है कि सप्ताह में 3 बार फ्रेंच फ्राइज का सेवन करने से टाइप-2 डायबिटीज का खतरा 20 प्रतिशत तक बढ़ सकता है। इस रिसर्च में 2 लाख से अधिक वयस्कों की डाइट का कई दशकों तक अवलोकन किया गया। शोध से यह स्पष्ट हुआ है कि भुने, उबले या मैश किए गए आलू से डायबिटीज का जोखिम नहीं बढ़ता।
यह अध्ययन ब्रिटिश मेडिकल जर्नल (बीजेएम) में प्रकाशित हुआ है, जिसमें यह भी बताया गया है कि यदि आलू की जगह साबुत अनाज का सेवन किया जाए, तो डायबिटीज का खतरा और कम हो सकता है।
हार्वर्ड टी.एच. चान स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के प्रमुख शोधकर्ता प्रोफेसर वाल्टर विलेट ने कहा, "सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए यह संदेश सीधा और प्रभावशाली है। हमारे रोजमर्रा के खान-पान में छोटे बदलाव भी टाइप-2 डायबिटीज के खतरे पर बड़ा असर डाल सकते हैं।"
उन्होंने आगे कहा, "विशेष रूप से फ्रेंच फ्राइज के सेवन को सीमित करके और साबुत अनाज जैसे स्वस्थ विकल्प अपनाकर इस बीमारी के खतरे को कम किया जा सकता है।"
इस शोध में 2 लाख से अधिक पुरुषों और महिलाओं को शामिल किया गया था। इनकी डाइट संबंधी आदतों का 30 साल तक अध्ययन किया गया। इनमें से 22,299 प्रतिभागियों को इस दौरान डायबिटीज हुई।
अध्ययन में पाया गया कि यदि भुने, उबले या मैस्ड आलू के स्थान पर साबुत अनाज खाया जाए, तो डायबिटीज का खतरा 4 प्रतिशत तक कम हो सकता है। वहीं, फ्रेंच फ्राइज की जगह साबुत अनाज खाने से ये जोखिम 19 प्रतिशत तक घट जाता है। यहां तक कि रिफाइंड ग्रेन्स को फ्रेंच फ्राइज की जगह लेना भी डायबिटीज के खतरे को कम करता है।
–राष्ट्र प्रेस
जेपी/जीकेटी