क्या 2025 के पहले नौ महीनों में जीसीसी द्वारा भारत में ऑफिस स्पेस की मांग में 8 प्रतिशत का उछाल आया है?

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क्या 2025 के पहले नौ महीनों में जीसीसी द्वारा भारत में ऑफिस स्पेस की मांग में 8 प्रतिशत का उछाल आया है?

सारांश

भारत में जीसीसी द्वारा ऑफिस स्पेस की मांग में 8 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। बेंगलुरु, पुणे और चेन्नई जैसे शहरों ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है। यह रिपोर्ट बताती है कि कैसे ये शहरों की विकासशील मांग भविष्य को प्रभावित करेगी।

Key Takeaways

  • 50.9 मिलियन स्क्वायर फीट: भारत में जीसीसी की ऑफिस स्पेस की मांग।
  • 8 प्रतिशत वृद्धि: पिछले वर्ष की तुलना में।
  • बेंगलुरु: ऑफिस स्पेस की मांग में सबसे आगे।
  • 20 प्रतिशत: 2025 तक फ्लेक्सिबल वर्कस्पेस की मांग।
  • टॉप सात शहर: जीसीसी द्वारा लीज पर लिया गया स्पेस।

बेंगलुरु, 25 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। इस वर्ष के पहले नौ महीनों में भारत में ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर (जीसीसी) द्वारा ऑफिस स्पेस की मांग में 8 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जो अब 50.9 मिलियन स्क्वायर फीट तक पहुँच गई है। यह जानकारी एक रिपोर्ट में साझा की गई।

तीसरी तिमाही के दौरान, बेंगलुरु ने कुल ट्रांजैक्शन में पहले स्थान पर रहते हुए पुणे, मुंबई और चेन्नई में भी बढ़ती मांग देखी गई।

कोलिएर्स की रिपोर्ट के अनुसार, इन तीनों शहरों ने मिलकर इस तिमाही में कुल ग्रेड ए ऑफिस स्पेस का आधा हिस्सा उपयोग किया। इस वर्ष की तीसरी तिमाही में इन शहरों में से प्रत्येक में सालाना मांग में कम से कम 40 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।

बेंगलुरु ने 14 मिलियन वर्ग फुट के लीजिंग के साथ भारत के ऑफिस स्पेस की मांग में 27 प्रतिशत हिस्सेदारी बनाए रखी।

कोलिएर्स, इंडिया के ऑफिस सर्विसेज के मैनेजिंग डायरेक्टर अर्पित मेहरोत्रा ने कहा, "बाहरी अस्थिरता और व्यापारिक तनाव के बावजूद, भारत का ऑफिस मार्केट पहले नौ महीनों में 50 मिलियन वर्ग फुट का आंकड़ा पार कर रहा है।"

यह वृद्धि जीसीसी द्वारा स्पेस के उपयोग में बढ़ोतरी और घरेलू फर्मों द्वारा लीजिंग गतिविधियों से आई है।

जीसीसी ने 2025 में टॉप सात शहरों में लगभग 20 मिलियन वर्ग फुट का स्पेस लीज पर लिया है, जो कुल ऑफिस स्पेस की मांग का लगभग 40 प्रतिशत है।

2025 की तीसरी तिमाही में टॉप सात ऑफिस मार्केट में नई सप्लाई मजबूत रही, जिसमें 16.6 मिलियन वर्ग फुट की नई बिल्डिंग बनी, जो सालाना आधार पर 15 प्रतिशत की वृद्धि है।

पुणे में तिमाही में लगभग चार गुना वृद्धि के साथ 4.6 मिलियन वर्ग फुट की नई बिल्डिंग बनीं, इसके बाद बेंगलुरु और दिल्ली-एनसीआर का स्थान रहा।

2025 के पहले नौ महीनों में कन्वेंशनल लीजिंग 41.7 मिलियन वर्ग फुट रही, जो मुख्य रूप से टेक्नोलॉजी और BFSI सेक्टर से थी।

फ्लेक्स वर्कस्पेस गतिविधियों में, बेंगलुरु, पुणे और चेन्नई ने 2025 की तीसरी तिमाही में फ्लेक्सिबल स्पेस के उपयोग का लगभग 66 प्रतिशत हिस्सा लिया।

कोलियर्स इंडिया के नेशनल डायरेक्टर और रिसर्च हेड विमल नादर ने कहा, "भारत में आजाद वर्कप्लेस रणनीतियों और फ्लेक्सिबल वर्कस्पेस को अपनाने की प्रवृत्ति लगातार बढ़ रही है और 2025 तक यह कुल मांग का 20 प्रतिशत हो सकता है।"

Point of View

विशेषकर जीसीसी की ओर से, हमारे व्यापारिक परिप्रेक्ष्य को नया आकार दे रही है। यह वृद्धि न केवल हमारे आर्थिक विकास को दर्शाती है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी भारत की स्थिति को मजबूत करती है।
NationPress
25/09/2025

Frequently Asked Questions

जीसीसी का पूरा नाम क्या है?
जीसीसी का पूरा नाम ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर है।
इस वर्ष भारत में ऑफिस स्पेस की मांग में कितनी वृद्धि हुई है?
इस वर्ष भारत में ऑफिस स्पेस की मांग में 8 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
कौन से शहरों में ऑफिस स्पेस की मांग सबसे ज्यादा है?
बेंगलुरु, पुणे, मुंबई और चेन्नई में ऑफिस स्पेस की मांग सबसे ज्यादा है।
2025 में भारत में ऑफिस स्पेस की मांग का क्या अनुमान है?
2025 में जीसीसी द्वारा लगभग 20 मिलियन वर्ग फुट ऑफिस स्पेस की मांग का अनुमान है।
फ्लेक्स वर्कस्पेस में कौन से शहर प्रमुख हैं?
बेंगलुरु, पुणे और चेन्नई फ्लेक्स वर्कस्पेस में प्रमुख हैं।