क्या पैरासिटामोल से ऑटिज्म का खतरा है? डब्ल्यूएचओ का स्पष्टीकरण

सारांश
Key Takeaways
- डब्ल्यूएचओ ने गर्भावस्था के दौरान पैरासिटामोल के उपयोग और ऑटिज्म के बीच कोई संबंध नहीं पाया है।
- गर्भवती महिलाओं को हमेशा अपने डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।
- गर्भावस्था में दवा का उपयोग सावधानी से करने की आवश्यकता है।
- बच्चों के टीकाकरण कार्यक्रम साक्ष्य-आधारित होते हैं।
- गर्भावस्था के पहले तीन महीनों में विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।
जिनेवा, २४ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस बेतुके बयान का खंडन किया जिसमें उन्होंने कहा था कि 'गर्भावस्था के दौरान पैरासिटामोल के उपयोग से ऑटिज्म का खतरा बढ़ता है'।
सोमवार (२२ सितंबर) को व्हाइट हाउस में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान, ट्रंप ने गर्भवती महिलाओं से टाइलेनॉल में मुख्य घटक एसिटामिनोफेन (जिसे पैरासिटामोल भी कहा जाता है) का सेवन करने के बजाय अपनी स्वास्थ्य समस्याओं का “डटकर सामना” करने का आग्रह किया था।
संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य संस्था ने बुधवार को एक बयान जारी करते हुए कहा, “वर्तमान में गर्भावस्था के दौरान एसिटामिनोफेन (पैरासिटामोल) के उपयोग और ऑटिज्म के बीच कोई निर्णायक वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।”
विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों के अनुसार, विश्वभर में लगभग ६.२ करोड़ लोग (१२७ में से १) ऑटिज्म स्पेक्ट्रम विकार से प्रभावित हैं, जो मस्तिष्क के विकास से संबंधित है।
हालांकि हाल के वर्षों में जागरूकता और निदान में सुधार हुआ है, फिर भी इस स्थिति के पीछे के सटीक कारण अभी तक स्पष्ट नहीं हैं, और इसके लिए कई कारकों को जिम्मेदार माना जाता है।
डब्ल्यूएचओ ने बताया, “पिछले एक दशक में गर्भावस्था के दौरान एसिटामिनोफेन के उपयोग और ऑटिज्म के बीच संबंधों पर कई बड़े अध्ययन किए गए हैं। हालांकि, किसी भी शोध में कोई सुसंगत संबंध स्थापित नहीं हुआ है।”
एसिटामिनोफेन गर्भावस्था के दौरान उपयोग की जाने वाली सबसे सामान्य ओवर-द-काउंटर दवा है, और विश्वभर में ५० प्रतिशत से अधिक गर्भवती महिलाएं इसका उपयोग करती हैं। गर्भवती महिलाएं सामान्यतः सिरदर्द, दर्द या बुखार के लिए इसका सेवन करती हैं।
नियामक और नैदानिक एजेंसियों ने गर्भावस्था में इसके उपयोग को सुरक्षित माना है।
लेकिन ट्रंप ने कहा कि “टाइलेनॉल लेना ठीक नहीं है”, साथ ही उन्होंने गर्भवती महिलाओं से “इसे न लेने के लिए जी-जान से कोशिश करने” का अनुरोध किया। उन्होंने आगे कहा कि केवल “बेहद तेज बुखार” में ही इसके सेवन को उचित ठहराया जा सकता है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सभी महिलाओं को सलाह दी है कि वे अपने डॉक्टरों या स्वास्थ्य कर्मियों की सलाह का पालन करें, जो व्यक्तिगत परिस्थितियों का आकलन करने और आवश्यक दवाओं की सलाह देने में मदद कर सकते हैं।
डब्ल्यूएचओ ने कहा, “गर्भावस्था के दौरान, विशेषकर पहले तीन महीनों में, किसी भी दवा का उपयोग सावधानी से और चिकित्सकीय सलाह के अनुसार किया जाना चाहिए।”
वहीं, बच्चों के वैक्सीनेशन को लेकर वैश्विक स्वास्थ्य संस्था ने कहा कि बच्चों के लिए टीकाकरण कार्यक्रम “सावधानीपूर्वक, व्यापक और साक्ष्य-आधारित प्रक्रिया के माध्यम से विकसित किए जाते हैं।”
डब्ल्यूएचओ ने यह भी कहा कि इसने “पिछले ५० वर्षों में करीब १५.४ करोड़ लोगों की जान बचाई है” और बच्चों, किशोरों और वयस्कों को ३० संक्रामक रोगों से सुरक्षित रखता है।