क्या इंडियन इम्यूनोलॉजिकल्स ने ऑस्ट्रेलियाई दावों को खारिज किया?

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क्या इंडियन इम्यूनोलॉजिकल्स ने ऑस्ट्रेलियाई दावों को खारिज किया?

सारांश

क्या है यह विवाद? इंडियन इम्यूनोलॉजिकल्स ने ऑस्ट्रेलिया के एटीएजीआई के दावे को चुनौती दी है कि उनकी वैक्सीन नकली है। जानें पूरी सच्चाई और वैक्सीन की सुरक्षा पर क्या है इसका असर।

Key Takeaways

  • अभयरेब वैक्सीन की गुणवत्ता पर कोई सवाल नहीं है।
  • कंपनी ने सुरक्षा का भरोसा दिलाया है।
  • ऑस्ट्रेलिया के दावे को खारिज किया गया।
  • 1 नवंबर 2023 के बाद वैक्सीन लगवाने वालों को चिकित्सक से मिलना चाहिए।
  • रेबीज एक गंभीर बीमारी है, जो संक्रमित कुत्तों से फैलती है।

नई दिल्ली, 27 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। हैदराबादड्रग निर्माता कंपनी इंडियन इम्यूनोलॉजिकल्स लिमिटेड ने ऑस्ट्रेलियन टेक्निकल एडवाइजरी ग्रुप ऑन इम्यूनाइजेशन (एटीएजीआई) के उस दावे को खारिज किया है जिसमें भारतीय कंपनी की एंटी-रेबीज वैक्सीन को नकली करार दिया गया था।

इस सप्ताह एटीएजीआई ने एक एडवाइजरी जारी की थी जिसमें दावा किया गया कि नवंबर 2023 से भारत में एंटी रेबीज वैक्सीन अभयरेब के नकली बैच सर्कुलेट हो रहे हैं।

भारत में अभयरेब का निर्माण आईआईएल कंपनी साल 2000 से कर रही है। वैक्सीन को बनाने वाली आईआईएल कंपनी ने इस पर आपत्ति जताई है।

आईआईएल का कहना है कि एटीएजीआई की सलाह में यह संकेत दिया गया है कि 1 नवंबर 2023 के बाद भारत में लगाई गई अभयरेब वैक्सीन को अमान्य माना जाए, जिससे आम लोगों और स्वास्थ्य कर्मियों में भ्रम फैल रहा है। कंपनी के मुताबिक, एडवाइजरी से वैक्सीन पर भरोसा कमजोर पड़ सकता है।

शनिवार को आईआईएल के वाइस प्रेसिडेंट और क्वालिटी मैनेजमेंट हेड सुनील तिवारी ने बयान में कहा, “आईआईएल का मकसद स्टेकहोल्डर्स को भरोसा दिलाना है कि कंपनी का फार्माकोविजिलेंस और क्वालिटी सिस्टम मजबूत है, और जनता आईआईएल और उसके अधिकृत चैनलों से सीधे सप्लाई की जाने वाली वैक्सीन पर भरोसा कर सकती है।”

कंपनी के अनुसार साल 2000 से, भारत और 40 देशों में अभयरेब की 210 मिलियन से ज्यादा डोज सप्लाई की जा चुकी हैं। एंटी-रेबीज वैक्सीन का भारत में 40 फीसदी मार्केट शेयर बना हुआ है।

ऑस्ट्रेलियाई हेल्थ अधिकारियों ने कहा कि जिन लोगों को नकली वैक्सीन लगी है, वे रेबीज से पूरी तरह सुरक्षित नहीं हो सकते हैं। साथ ही 1 नवंबर, 2023 से अभयरेब का टीका लगवाने वाले लोगों को सलाह दी गई है कि वे अपने चिकित्सक से मिलें और पता करें कि रिप्लेसमेंट डोज की जरूरत है या नहीं।

आईआईएल ने कहा, “जनवरी 2025 में, आईआईएल ने एक खास बैच (बैच # केए 24014) की पैकेजिंग में गड़बड़ी की पहचान की थी। कंपनी ने तुरंत भारतीय नियंत्रकों और कानून प्रवर्तन एजेंसियों को इसकी जानकारी दी, एक औपचारिक शिकायत दर्ज की, और तेजी से कार्रवाई पक्का करने के लिए अधिकारियों के साथ मिलकर काम किया।”

इसे एक “अलग घटना” बताते हुए, दवा बनाने वाली कंपनी ने कहा कि “नकली बैच अब दुकानों पर उपलब्ध नहीं है।”

कंपनी ने हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स और आम लोगों को सुरक्षित वैक्सीन का भरोसा भी दिलाया।

आईआईएल ने कहा, “भारत में बनी वैक्सीन के हर बैच को बेचने या देने के लिए उपलब्ध कराने से पहले सेंट्रल ड्रग्स लेबोरेटरी (भारत सरकार) टेस्ट करती है और रिलीज करती है। सरकारी संस्थाओं और अधिकृत वितरकों के जरिए की गई आपूर्ति सुरक्षित और स्थापित मानकों के हिसाब से रहती है।”

रेबीज एक वायरल जूनोटिक बीमारी है जो सेंट्रल नर्वस सिस्टम पर असर डालती है। इंसानों में रेबीज के ज्यादातर मामलों में संक्रमित कुत्ते वायरस फैलाने के लिए जिम्मेदार होते हैं।

यह बीमारी 100 फीसदी मामलों में जानलेवा होती है जब यह सेंट्रल नर्वस सिस्टम को संक्रमित कर देती है और क्लिनिकल लक्षण दिखने लगते हैं।

वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (डब्ल्यूएचओ) के मुताबिक, भारत में हर साल रेबीज से लगभग 18,000-20,000 मौतें होती हैं, जिनमें से ज्यादातर कुत्तों के काटने से होती हैं।

Point of View

यह आवश्यक है कि हम सभी वैक्सीनेशन कार्यक्रमों पर विश्वास रखें और किसी भी गलत सूचना से बचें। वैक्सीन की सुरक्षा और गुणवत्ता को बनाए रखना हमारे स्वास्थ्य प्रणाली की प्राथमिकता होनी चाहिए।
NationPress
27/12/2025

Frequently Asked Questions

क्या अभयरेब वैक्सीन सुरक्षित है?
हां, इंडियन इम्यूनोलॉजिकल्स का कहना है कि उनकी वैक्सीन सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त है और सभी मानकों को पूरा करती है।
नकली वैक्सीन के बारे में क्या जानकारी है?
ऑस्ट्रेलियन अधिकारियों ने दावा किया था कि नकली वैक्सीन सर्कुलेट हो रहे हैं, लेकिन आईआईएल ने इसे खारिज किया है।
क्या मुझे वैक्सीन लगवाने में डरना चाहिए?
नहीं, आईआईएल ने भरोसा दिलाया है कि उनकी वैक्सीन सुरक्षित है।
क्या मुझे चिकित्सक से मिलना चाहिए?
यदि आपने 1 नवंबर 2023 के बाद वैक्सीन लगवाई है, तो अपने चिकित्सक से मिलकर जानकारी प्राप्त करें।
रेबीज बीमारी के बारे में क्या जानना चाहिए?
रेबीज एक गंभीर वायरल बीमारी है जो संक्रमित कुत्तों के काटने से फैलती है और यह जानलेवा हो सकती है।
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